Sunday, June 8, 2025
43.2 C
Raipur

सांसद ने संसद में दिखाई अपनी न्यूड फोटो, मचा बवाल, पढ़े पूरी खबर….

वेलिंगटन (न्यूजीलैंड)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक टेक्नोलॉजी के बढ़ते दुरुपयोग के खिलाफ न्यूजीलैंड की महिला सांसद लॉरा मैक्लर ने अनोखे अंदाज़ में संसद में अपनी आवाज़ बुलंद की है। उन्होंने संसद के भीतर अपनी खुद की एआई-जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाकर यह साबित किया कि किसी भी व्यक्ति की नकली अश्लील तस्वीर बनाना अब बेहद आसान हो गया है — और यही इस तकनीक का सबसे खतरनाक पहलू है।

गूगल सर्च से बनाई गई नकली तस्वीर

लॉरा ने बताया कि उन्होंने एक वेबसाइट पर जाकर मात्र कुछ मिनटों में अपनी डीपफेक न्यूड इमेज तैयार कर ली। यह कोई हैकर या पेशेवर नहीं बल्कि एक आम व्यक्ति भी कर सकता है। लॉरा ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि देश में तेजी से पैर पसार रहे डिजिटल उत्पीड़न के प्रति लोगों और सरकार को जागरूक किया जा सके।

“तकनीक नहीं, इसके गलत इस्तेमाल से है खतरा”

 संसद में बोलते हुए लॉरा ने कहा, “हमारी समस्या तकनीक से नहीं है, बल्कि उससे है जो लोग इसका इस्तेमाल दूसरों को शर्मिंदा करने, बदनाम करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए कर रहे हैं।” उन्होंने डीपफेक और AI के दुरुपयोग को लेकर सख्त कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल को बताया ज़रूरी

लॉरा संसद में पेश किए गए डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल की प्रबल समर्थक हैं। यह बिल बिना सहमति किसी की तस्वीर या वीडियो से छेड़छाड़ कर शेयर करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करता है। इसके तहत रिवेंज पोर्न, अश्लील डीपफेक और निजी रिकॉर्डिंग से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।

न्यूजीलैंड में डीपफेक पर अब तक कोई स्पष्ट कानून नहीं

न्यूजीलैंड में वर्तमान में डीपफेक कंटेंट को सीधे रेगुलेट करने वाला कोई कानून नहीं है, जिससे पीड़ितों को न्याय पाना मुश्किल हो जाता है। लॉरा का मानना है कि यह कानून महिलाओं और युवाओं को डिजिटल उत्पीड़न से सुरक्षा देगा और दोषियों को सजा दिलाने का रास्ता खोलेगा।

क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी?

डीपफेक तकनीक AI की मदद से चेहरे, आवाज और शरीर की गतिविधियों को इस तरह बदल सकती है कि कोई भी नकली वीडियो या तस्वीर असली जैसी दिखने लगे। इसका इस्तेमाल फिल्मों और एंटरटेनमेंट में हुआ करता था, लेकिन अब यह तकनीक सोशल मीडिया से लेकर पोर्न इंडस्ट्री तक में दुरुपयोग की जा रही है। सबसे ज्यादा इसका निशाना महिलाएं बन रही हैं।

सांसद का साहसिक कदम बना बहस का विषय

लॉरा मैक्लर का यह साहसिक कदम दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। डिजिटल अधिकारों के विशेषज्ञों ने इसे एक ‘बोल्ड अलार्म’ बताया है, जो सरकारों को तकनीक के अंधाधुंध दुरुपयोग से निपटने के लिए मजबूर करेगा।

Popular this week

Kondagaon News : केशकाल विधायक की फॉलो वाहन पलटी, ड्राइवर की मौके पर मौत…

कोंडागांव :- Kondagaon News : केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम की...

छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत बना रायगढ़, UPI से टैक्स का भुगतान शुरू…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला अब ग्रामीण डिजिटल ट्रांजैक्शन...

Topics

छत्तीसगढ़ में क्रॉफ्ट बीयर बनाने को मिली हरी झंडी….

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पहली बार क्रॉफ्ट...

9 साल की बच्ची से हैवानियत : रेप के बाद हत्या, सूटकेस में मिला शव…

दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने...

Raipur Big News : सरकारी ज़मीन पर प्राइवेट कब्ज़ा! खनूजा का 25 करोड़ का स्कैम बेनकाब…

रायपुर। भारतमाला मुआवजा घोटाले में पहले से जेल में...

Related Articles

सांसद ने संसद में दिखाई अपनी न्यूड फोटो, मचा बवाल, पढ़े पूरी खबर….

वेलिंगटन (न्यूजीलैंड)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक टेक्नोलॉजी के बढ़ते दुरुपयोग के खिलाफ न्यूजीलैंड की महिला सांसद लॉरा मैक्लर ने अनोखे अंदाज़ में संसद में अपनी आवाज़ बुलंद की है। उन्होंने संसद के भीतर अपनी खुद की एआई-जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाकर यह साबित किया कि किसी भी व्यक्ति की नकली अश्लील तस्वीर बनाना अब बेहद आसान हो गया है — और यही इस तकनीक का सबसे खतरनाक पहलू है।

गूगल सर्च से बनाई गई नकली तस्वीर

लॉरा ने बताया कि उन्होंने एक वेबसाइट पर जाकर मात्र कुछ मिनटों में अपनी डीपफेक न्यूड इमेज तैयार कर ली। यह कोई हैकर या पेशेवर नहीं बल्कि एक आम व्यक्ति भी कर सकता है। लॉरा ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि देश में तेजी से पैर पसार रहे डिजिटल उत्पीड़न के प्रति लोगों और सरकार को जागरूक किया जा सके।

“तकनीक नहीं, इसके गलत इस्तेमाल से है खतरा”

 संसद में बोलते हुए लॉरा ने कहा, “हमारी समस्या तकनीक से नहीं है, बल्कि उससे है जो लोग इसका इस्तेमाल दूसरों को शर्मिंदा करने, बदनाम करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए कर रहे हैं।” उन्होंने डीपफेक और AI के दुरुपयोग को लेकर सख्त कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल को बताया ज़रूरी

लॉरा संसद में पेश किए गए डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल की प्रबल समर्थक हैं। यह बिल बिना सहमति किसी की तस्वीर या वीडियो से छेड़छाड़ कर शेयर करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान करता है। इसके तहत रिवेंज पोर्न, अश्लील डीपफेक और निजी रिकॉर्डिंग से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।

न्यूजीलैंड में डीपफेक पर अब तक कोई स्पष्ट कानून नहीं

न्यूजीलैंड में वर्तमान में डीपफेक कंटेंट को सीधे रेगुलेट करने वाला कोई कानून नहीं है, जिससे पीड़ितों को न्याय पाना मुश्किल हो जाता है। लॉरा का मानना है कि यह कानून महिलाओं और युवाओं को डिजिटल उत्पीड़न से सुरक्षा देगा और दोषियों को सजा दिलाने का रास्ता खोलेगा।

क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी?

डीपफेक तकनीक AI की मदद से चेहरे, आवाज और शरीर की गतिविधियों को इस तरह बदल सकती है कि कोई भी नकली वीडियो या तस्वीर असली जैसी दिखने लगे। इसका इस्तेमाल फिल्मों और एंटरटेनमेंट में हुआ करता था, लेकिन अब यह तकनीक सोशल मीडिया से लेकर पोर्न इंडस्ट्री तक में दुरुपयोग की जा रही है। सबसे ज्यादा इसका निशाना महिलाएं बन रही हैं।

सांसद का साहसिक कदम बना बहस का विषय

लॉरा मैक्लर का यह साहसिक कदम दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। डिजिटल अधिकारों के विशेषज्ञों ने इसे एक ‘बोल्ड अलार्म’ बताया है, जो सरकारों को तकनीक के अंधाधुंध दुरुपयोग से निपटने के लिए मजबूर करेगा।

Popular this week

Kondagaon News : केशकाल विधायक की फॉलो वाहन पलटी, ड्राइवर की मौके पर मौत…

कोंडागांव :- Kondagaon News : केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम की...

छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत बना रायगढ़, UPI से टैक्स का भुगतान शुरू…

रायगढ़। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला अब ग्रामीण डिजिटल ट्रांजैक्शन...

Topics

छत्तीसगढ़ में क्रॉफ्ट बीयर बनाने को मिली हरी झंडी….

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पहली बार क्रॉफ्ट...

9 साल की बच्ची से हैवानियत : रेप के बाद हत्या, सूटकेस में मिला शव…

दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने...

Raipur Big News : सरकारी ज़मीन पर प्राइवेट कब्ज़ा! खनूजा का 25 करोड़ का स्कैम बेनकाब…

रायपुर। भारतमाला मुआवजा घोटाले में पहले से जेल में...

Related Articles

Popular Categories