CG NEWS: रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित डीएमएफ और कोयला घोटाले में फंसे छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिलने के बाद बड़ी राहत मिली है। जेल में बंद सौम्या चौरसिया, निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर बिश्नोई को रायपुर केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। लगभग दो साल बाद ये आरोपी जेल से बाहर आए हैं। कोर्ट ने शर्त रखी है कि सभी आरोपी अब छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे और जांच एजेंसियों को अपना ठिकाना बताएंगे।
CG NEWS: जेल से छुटकर आईएएस पति के घर पहुंची रानू साहू
रानू साहू जेल से रिहाई के बाद सरकारी गाड़ी में अपने आईएइएस पति जय प्रकाश मौर्य के सरकारी बंगले में पहुंची। यहां उनके स्वागत के लिए परिजन और बंगले में तैनात कर्मचारियों ने जमीन पर फूल बिछाकर रखा था। मानों देश में मैडम ने बड़ा नाम कर बहादुरी के साथ घर लौट रही हो, बहरहाल मैडम को छत्तीसगढ़ में रहने के लिए माननीय न्यायालय ने रोक लगाई है और जहां भी रहे वहां के नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना देने कहा है।
CG NEWS: वकील फैसल रिजवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा उठाया गया कि दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है और अब तक आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ है। इसे देखते हुए कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, सभी छह आरोपियों को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा और छत्तीसगढ़ से बाहर रहना होगा।
CG NEWS: कोयला घोटाले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, ईडी ने आरोप लगाया है कि कोयले के परिवहन और परमिट प्रक्रिया में अनियमितताओं के जरिए लगभग 570 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। जांच एजेंसी का कहना है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर बिश्नोई ने जुलाई 2020 में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के नेतृत्व में एक सिंडिकेट बनाकर कोयला कारोबारियों से वसूली की गई। जो व्यापारी अवैध रकम देता था, उसी को परमिट जारी किया जाता था।
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CG NEWS: इस मामले में अब तक 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें सूर्यकांत तिवारी, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया और रानू साहू प्रमुख हैं। डीएमएफ घोटाले में भी बड़े स्तर पर आर्थिक अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। ईडी की रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरबा जिले के जिला खनिज निधि से जुड़ी परियोजनाओं में टेंडर प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की गई, जिससे कुछ ठेकेदारों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। ठेके के बदले अधिकारियों और नेताओं को 25 से 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया गया।
CG NEWS: ईडी की छापेमारी में कई फर्जी दस्तावेज, डमी फर्मों के रिकॉर्ड, डिजिटल उपकरण और बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। 76.5 लाख रुपये नकद और आठ बैंक खातों को सीज किया गया, जिनमें 35 लाख रुपये मौजूद हैं। यह भी सामने आया है कि जब रानू साहू रायगढ़ और कोरबा की कलेक्टर थीं, उस दौरान डीएमएफ फंड में गंभीर अनियमितताएं हुईं और उन्हें ठेकेदारों से भारी रिश्वत मिली। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, कार्य पाने वाले ठेकेदारों ने ठेके की राशि का एक बड़ा हिस्सा अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत के रूप में दिया। इस घोटाले में दर्जनों अधिकारी और व्यापारी आरोपी बनाए गए हैं।
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