रायपुर। Monsoon 2025 : छत्तीसगढ़ में इस बार मई महीने में ही मानसून की समय से पहले एंट्री ने किसानों को असमंजस में डाल दिया है। आमतौर पर गर्मी के अंतिम सप्ताह में सक्रिय होने वाला ‘नवतप्पा’ इस बार प्रभावहीन रहा, और इसके ठीक बाद मानसून जैसी बारिश ने दस्तक दे दी। इस असमय मौसम परिवर्तन ने किसानों की खरीफ फसलों की तैयारी पर गहरा असर डाला है।
Monsoon 2025 : पहले से ही प्री-मानसून की तेज बारिश ने खेतों में नुकसान पहुंचाया, जिससे बीज और मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित हुई। अब समय से पहले मानसून की शुरुआत ने फसल की बुवाई को लेकर संशय की स्थिति बना दी है। ऐसे में खेत की तैयारी और सही समय पर बुआई कर पाना किसानों के लिए चुनौती बन गया है।
इस मौसमीय संकट के बीच एक और बड़ी समस्या ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है—DAP खाद की भारी किल्लत। धान की बुआई से पहले किसान इस उर्वरक की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में इसकी अनुपलब्धता चिंता का विषय बनी हुई है। इस खाद की कमी ने अब सियासी रंग भी ले लिया है, जहां विपक्ष सरकार पर कृषि आपूर्ति को लेकर सवाल उठा रहा है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही मौसम में स्थिरता और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति नहीं हुई, तो आने वाले समय में फसल उत्पादन पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।