Madhya Pradesh government : चितरंगी, मध्यप्रदेश| मध्यप्रदेश सरकार भले ही गरीबों को एयर एंबुलेंस से इलाज की सुविधा देने का दावा कर रही हो, लेकिन सिंगरौली जिले के चितरंगी क्षेत्र से सामने आई एक तस्वीर ने इन दावों की हकीकत उजागर कर दी है। यहां एक महिला को घर में ही प्रसव कराना पड़ा, जिसमें उसने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। दुर्भाग्यवश, उनमें से एक नवजात बच्ची की मौत हो गई।
दो किलोमीटर तक कंधे पर उठाकर लाए खाट पर, एंबुलेंस तक नहीं मिली
पीड़िता गल्लू देवी, निवासी धानी ग्राम, शुक्रवार शाम 5 बजे प्रसव पीड़ा से पीड़ित हुईं और घर में ही जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। सड़क न होने और एम्बुलेंस न पहुंच पाने के कारण परिजनों ने महिला को खाट पर लिटाकर दो किलोमीटर तक कंधे पर उठाकर सड़क तक लाया। वहां से एक ऑटो की मदद से उसे कोरसर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
जिला अस्पताल जाने की सलाह, परिजन वापस घर ले आए
स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने जाँच के बाद बताया कि जीवित नवजात बच्ची का वजन 1 किलो से भी कम है और उसकी स्थिति गंभीर है। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. हरिशंकर बैंस ने उन्हें तुरंत बैढ़न जिला अस्पताल रेफर किया, लेकिन परिजन इलाज की जगह महिला को वापस घर ले गए। इससे बच्ची की जान को खतरा बना हुआ है।
प्रदेश की मंत्री का गृहग्राम, लेकिन सड़कें गायब
यह पूरा घटनाक्रम उस क्षेत्र से जुड़ा है, जो प्रदेश की पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह का गृहग्राम है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश है। स्थानीय समाजसेवी कुलदीप पाठक ने मौके पर पहुंचकर महिला की मदद की और स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का प्रयास किया।
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झूठे विकास के दावों पर जनता का सवाल
यह घटना उस समय उजागर हुई है जब सरकार बड़े-बड़े मंचों से “हर गांव में सड़क”, “हर गरीब को इलाज”, और “हेलीकॉप्टर से इलाज” जैसी घोषणाएं कर रही है। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी प्रदेश के कुछ इलाकों में खाट ही एंबुलेंस है और इंसानी जानें सड़क के अभाव में दम तोड़ रही हैं।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय लोग पूछ रहे हैं कि अगर मंत्री अपने ही गृह ग्राम में सड़क नहीं बनवा पाईं, तो प्रदेश के अन्य पिछड़े क्षेत्रों का क्या हाल होगा? लोग सरकार से जवाब मांग रहे हैं — विकास के नारों के बीच जमीनी सच्चाई कहां है?