Lormi News : लोरमी : छत्तीसगढ़ के लमनी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले अंजोर बैगा (पिता: कोंदा बैगा) ने बीते सोमवार रात करीब 11 बजे (17 जून 2025) फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मगर घटना के 18 घंटे बीत जाने के बावजूद न ही पुलिस और न ही वन विभाग की कोई टीम मौके पर पहुंची है। इससे इलाके में आक्रोश और मायूसी का माहौल है।
Lormi News : स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, घटना की जानकारी मंगलवार सुबह 10 बजे ही खुड़िया पुलिस को दे दी गई थी। बावजूद इसके आज 18 जून की शाम 5 बजे तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। आदिवासी समुदाय के लोगों का कहना है कि जब कोई अमीर, रसूखदार या शहरी व्यक्ति संकट में होता है तो तुरंत पुलिस सक्रिय हो जाती है, मगर बैगा जैसे जनजातीय समुदायों के लोगों को मरने के बाद भी इंतजार करना पड़ता है।
Lormi News : ग्रामीणों ने इस बात पर भी गहरी नाराज़गी जताई है कि क्षेत्र में डिप्टी सीएम और सांसद तोखन साहू का प्रभाव होते हुए भी प्रशासन की यह लापरवाही आदिवासी समाज के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या विधान सभा और लोकसभा प्रतिनिधित्व रखने के बावजूद आदिवासी समुदाय के लोगों को इंसाफ नहीं मिलेगा?
Lormi News : ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में तुरंत पुलिस और वन विभाग की टीम भेजकर शव का पंचनामा, पोस्टमार्टम और जांच प्रक्रिया पूरी की जाए। साथ ही घटना की निष्पक्ष जांच कर आत्महत्या के पीछे की वजह सामने लाई जाए।
Lormi News : इस पूरे मामले ने प्रशासन की संवेदनशीलता और तंत्र की सुस्ती पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन की निष्क्रियता आदिवासी समाज के मन में असंतोष और अविश्वास को बढ़ा रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और इस दुखद घटना में न्याय की दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है।