नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। हालांकि, जमानत के बाद भी टुटेजा की जेल से रिहाई अभी मुश्किल नजर आ रही है, क्योंकि उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू और एसीबी द्वारा दर्ज एक अन्य मामले में हाईकोर्ट पहले ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त शर्तें
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने अनिल टुटेजा को लंबे समय से जेल में रहने के आधार पर राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें पासपोर्ट जमा करने, सुनवाई में सहयोग देने और अन्य सख्त शर्तों के पालन की शर्तों के साथ जमानत दी है।
इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने टुटेजा की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह एक वरिष्ठ नौकरशाह रह चुके हैं और उन पर गवाहों को प्रभावित करने का भी आरोप है। साथ ही उनका नाम नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले से भी जोड़ा गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए जमानत मंजूर कर ली।
क्या है शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ की पूर्व भूपेश बघेल सरकार में हुए शराब घोटाले को लेकर IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, और तत्कालीन मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया पर आयकर विभाग ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य में रिश्वत, अवैध दलाली और बेहिसाब लेन-देन का बड़ा नेटवर्क चल रहा है।
इस आधार पर ED ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। जांच में ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि शराब घोटाले से जुड़े लेनदेन की राशि 2161 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।
किस तरह हुआ घोटाला?
चार्जशीट के अनुसार, साल 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर शराब बिक्री का जिम्मा CSMCL (छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम) को सौंपा गया। लेकिन वर्ष 2019 के बाद, अनवर ढेबर को इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताते हुए कहा गया कि उन्होंने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का प्रबंध निदेशक बनवाया। इसके बाद एक सिंडिकेट के ज़रिए अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वालों की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया।
आगे की राह
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद अनिल टुटेजा की रिहाई अभी भी अधर में है। उन्हें अन्य मामलों में भी राहत लेनी होगी। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस घोटाले की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और अन्य आरोपियों पर क्या कार्रवाई होती है।