उत्तर प्रदेश | UP Crime News : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला ने पति की प्रताड़ना और तलाक की मांग से आहत होकर आत्महत्या कर ली। रठौड़ा गांव निवासी 24 वर्षीय मनीषा ने मंगलवार की रात कीटनाशक पीकर जान दे दी। खास बात यह रही कि मनीषा ने मरने से पहले अपने शरीर को सुसाइड नोट बना लिया – हाथ-पैरों पर पति और ससुराल वालों के अत्याचार लिख डाले।
UP Crime News : शादी के बाद बदल गया व्यवहार
मनीषा की शादी वर्ष 2023 में गाजियाबाद जिले के सिद्धिपुर निवासी युवक से धूमधाम से हुई थी। पिता तेजवीर, जो एमसीडी में कर्मचारी हैं, ने अपनी हैसियत से ऊपर जाकर बेटी की शादी की थी। शादी में दहेज के तौर पर बुलेट बाइक भी दी गई। लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद ससुराल वालों का असली चेहरा सामने आने लगा।
परिजनों के अनुसार, मनीषा को बार-बार दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। थार गाड़ी और लाखों रुपये की मांग की गई। जब मांग पूरी नहीं हुई, तो उसके साथ मारपीट की गई। कई बार उसे भूखा रखा गया और कमरे में बंद कर दिया गया। मनीषा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसका जबरन गर्भपात भी कराया गया, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई थी।
पंचायतों से भी नहीं मिली राहत
जब अत्याचार हद से बढ़ गए, तो मनीषा को मायके वापस लाया गया। दो बार गांव में पंचायत हुई और दोनों बार पति-पत्नी के बीच समझौता कराने की कोशिश की गई। लेकिन ससुराल वालों ने कोई सुधार नहीं दिखाया। आखिरी पंचायत चार दिन पहले हुई थी, जिसमें दोनों पक्ष तलाक के लिए सहमत हुए। उसी दिन पति ने उसे तलाक देने की धमकी दी और गांव वालों के सामने बेइज्जत भी किया। इसी के बाद मनीषा ने आत्मघाती कदम उठा लिया।
शरीर बना बनाया सुसाइड नोट
मनीषा ने कीटनाशक पीने से पहले अपने शरीर पर ही पूरी कहानी लिख डाली। उसने लिखा, “मेरी मौत का जिम्मेदार मेरा पति, सास-ससुर और देवर हैं। मुझे कमरे में बंद कर मारा गया, भूखा रखा गया। गोलियां खिलाकर मेरा गर्भपात कराया गया। अब ये लोग मेरे मायके वालों को भी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।”
पुलिस जांच में जुटी
बुधवार सुबह जब मनीषा का शव घर में पड़ा मिला तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और सुसाइड नोट के आधार पर पति, सास, ससुर और दो देवरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल जांच जारी है।
समाज के लिए सवाल छोड़ गई मनीषा
मनीषा की मौत एक ऐसी त्रासदी है, जो सिर्फ एक परिवार का नहीं, पूरे समाज का आइना है। जहां आज भी दहेज, घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दे आम हैं। यह घटना उन तमाम पंचायतों, रिश्तेदारों और समाज की चुप्पी पर भी सवाल उठाती है, जो केवल “समझौते” की सलाह देकर पीड़िता को फिर उसी आग में झोंक देते हैं। अब देखना यह है कि क्या मनीषा को न्याय मिलेगा या यह भी उन हजारों मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगी, जिनका कोई अंत नहीं होता।