श्योपुर, 25 मई – MP Sheopur : शहर की रात्रि गश्त व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है, जब मुख्य बाजार चौराहे पर ड्यूटी में लगे दो पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में एक कार सवार को बेवजह रोककर करीब डेढ़ घंटे तक परेशान किया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
MP Sheopur : हेड कांस्टेबल दीपेश कुमार और कांस्टेबल महेश कुमार रात्रि गश्त पर तैनात थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महेश कुमार शराब के नशे में धुत था, उसकी चाल और आवाज लड़खड़ा रही थी, वहीं दीपेश कुमार ने शराब नहीं पी थी लेकिन वह भी साथी के साथ मिलकर कार सवार नईम खान को परेशान करता रहा। नईम खान के पास गाड़ी की आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस और एग्रीमेंट लेटर सब कुछ मौजूद था, फिर भी पुलिस कर्मियों ने उसे सिर्फ इस आधार पर रोके रखा कि गाड़ी उसके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है।
नईम खान ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मी उनसे शराब के लिए एक हजार रुपये मांग रहे थे और जब उन्होंने मना किया तो उन्हें बेवजह परेशान किया गया। इतना ही नहीं, मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर भी पुलिसकर्मियों का रवैया नहीं बदला। उन्होंने उल्टे पत्रकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिए और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे।
मीडिया के हस्तक्षेप के बाद कोतवाली टीआई दिनेश राजपूत से फोन पर बात कराई गई, जिन्होंने साफ कहा कि “गाड़ी नाम पर है या नहीं, यह कोई अपराध नहीं है।” टीआई ने मामले में नियमपूर्वक जांच और कार्रवाई की बात कही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
टीआई दिनेश राजपूत ने कहा – “वाहन किसके नाम है, यह कोई बड़ा विषय नहीं है। यदि सभी दस्तावेज मौजूद हैं तो रोकने और परेशान करने का औचित्य नहीं बनता। वायरल वीडियो की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
कार सवार नईम खान का कहना – “मैं बारां से लौट रहा था, घर पहुंचने से पहले पुलिस ने रोका। सारे कागज दिखाए, फिर भी कहने लगे गाड़ी अपने नाम क्यों नहीं कराई और एक हजार रुपये मांगे। मैंने मना किया तो डेढ़ घंटे तक परेशान करते रहे।”
यह मामला पुलिस की रात्रि गश्त की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है, जहां सुरक्षा देने वाले ही कानून का उल्लंघन करते दिखाई दे रहे हैं।