रायपुर। छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति को बचाने की मुहिम अब सड़कों तक पहुंच गई है। रात रायपुर के सिविल लाइन थाना परिसर के बाहर छत्तीसगढ़ी गानों में बढ़ती अश्लीलता और अपसंस्कृति के खिलाफ गीतकारों, गायकों, कवियों और युवाओं ने एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इस विरोध को समर्थन देते हुए स्पष्ट किया कि ये आंदोलन सिर्फ कला की मर्यादा बचाने का प्रयास नहीं, बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा की लड़ाई है। प्रदर्शन के दौरान 22 गायक, गीतकार, निर्माता और कलाकारों के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई, जिन पर अश्लीलता फैलाने और जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
कलाकारों का कहना है कि छालीवुड में तेजी से बढ़ती अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद और भड़कीले दृश्यों ने पारिवारिक दर्शकों को छत्तीसगढ़ी गानों से दूर कर दिया है। इस ट्रेंड को रोकने के लिए वे अब कानूनी और सामाजिक स्तर पर विरोध करेंगे।
इस प्रदर्शन ने राज्य की सांस्कृतिक राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस जनजागरूकता की आवाज़ को किस तरह जवाब देता है।