Monday, July 21, 2025
28.9 C
Raipur

Non-Veg Milk : क्या होता है नॉनवेज दूध? अमेरिका से आयात पर क्यों भड़का भारत… जानिए दूध पर छिड़े इस विवाद की पूरी कहानी

Non-Veg Milk : नई दिल्ली। दूध को भारतीय संस्कृति में शुद्ध, सात्विक और शाकाहारी भोजन माना जाता है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी की रोज़मर्रा की डाइट में दूध अनिवार्य होता है। लेकिन आजकल सोशल मीडिया और नीति-निर्माण के गलियारों में एक नई बहस छिड़ी है — “नॉनवेज मिल्क” यानी मांसाहारी दूध।

क्या है Non-Veg Milk?

परंपरागत रूप से दूध शाकाहारी भोजन का हिस्सा माना जाता है। लेकिन अमेरिका जैसे कुछ देशों में डेयरी फार्मिंग का तरीका भारत से अलग है।

Read More : Jabalpur Crime : गोराबाजार-विजयनगर चोरी कांड का खुलासा, 4 शातिर नकाबजन गिरफ्तार

द सिएटल टाइम्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • अमेरिका में गायों को अधिक दूध उत्पादन के लिए मांस उद्योग से निकलने वाला कचरा, जैसे सुअर, मछली, घोड़े, मुर्गे और यहां तक कि कुत्ते-बिल्ली के शरीर के हिस्से, खिलाए जाते हैं।
  • गायों को प्रोटीन देने के लिए जानवरों का खून और चर्बी युक्त आहार भी दिया जाता है।
  • इसका मकसद होता है कम लागत में अधिक दूध उत्पादन करना।

इस कारण वहां का दूध, जिसे भारत में पारंपरिक रूप से “सात्विक” माना जाता है, “नॉनवेज मिल्क” की श्रेणी में आ जाता है।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील में फंसा दूध का मुद्दा

अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी डेयरी प्रोडक्ट्स को भारतीय बाजार में जगह दे। लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है।

Read More : Jabalpur Crime : वर्चस्व की लड़ाई या गैंग वॉर? युवक की चाकू से पिटाई का वीडियो वायरल

भारत की आपत्ति क्यों?

  • भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाएं दूध को शुद्ध मानती हैं।
  • भारत चाहता है कि यदि अमेरिका से दूध आयात हो, तो वह केवल उन गायों से आया हो जिन्हें मांस, खून या चर्बी से बनी चीजें नहीं खिलाई गईं हों।
  • यह भारत के लिए “रेड लाइन” है — यानी इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

भारत का स्पष्ट रुख:

सरकार का कहना है कि वह किसी भी हाल में ऐसा दूध आयात नहीं करेगी जो भारतीय उपभोक्ताओं की धार्मिक या सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए। यह उपभोक्ता अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा का भी मामला है।

Read More : Simlipal Tiger Reserve : छत्तीसगढ़ से जुड़ा बाघ की खाल तस्करी रैकेट का खुलासा, सरकारी शिक्षक समेत 7 गिरफ्तार

नॉनवेज दूध का प्रभाव क्या हो सकता है?

  • धार्मिक दृष्टिकोण से: हिंदू, जैन और कई समुदायों में दूध को पूजा-पाठ में प्रयोग किया जाता है। यदि मांसाहारी आहार से निकला दूध भारत आता है तो यह धार्मिक भावनाओं का अपमान माना जा सकता है।
  • स्वास्थ्य के नजरिए से: मांस आधारित पशु आहार मानव शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है, खासकर तब जब इसकी पूरी जानकारी उपभोक्ता को न हो।
क्या आप जानते हैं?
  • PETA और अन्य संगठनों ने भी इस मुद्दे को कई बार उठाया है कि कई पश्चिमी देशों में डेयरी फार्मिंग में अमानवीय और अनैतिक तरीके अपनाए जाते हैं।
  • अमेरिका में कई डेयरी कंपनियां अब “वेगन फीड ओनली” का टैग लगाने लगी हैं ताकि शुद्ध दूध चाहने वालों का भरोसा बना रहे।

Popular this week

Kondagaon News : केशकाल विधायक की फॉलो वाहन पलटी, ड्राइवर की मौके पर मौत…

कोंडागांव :- Kondagaon News : केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम की...

Topics

Related Articles

Popular Categories