बुरहानपुर: बुरहानपुर शहर में शनिवार को इतिहास रचते हुए पहली बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई, जिसे देखने और भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यह रथ यात्रा उड़ीसा के पुरी की तर्ज पर इस्कॉन संस्थान द्वारा आयोजित की गई, जिसने धार्मिक वातावरण को उल्लास और भक्ति से सराबोर कर दिया। रथ यात्रा की शुरुआत सीके ग्रीन कॉलोनी से हुई, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई गुजराती मोढ़ वाड़ी पर समाप्त हुई। मार्ग में जगह-जगह भव्य स्वागत द्वार बनाए गए और श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा और आरती के साथ यात्रा का स्वागत किया।
बुरहानपुर: इस आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने रथ को खींचा, जिसे वे अपने लिए आध्यात्मिक सौभाग्य मानती हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि इस रथ यात्रा में भाग लेने के बाद अब उनकी इच्छा है कि वे पुरी जाकर भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में सम्मिलित हों। रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की सुंदर झांकियाँ सजाई गईं थीं। इस्कॉन संस्थान के स्वामी हेमानंद जी महाराज ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य भगवान जगन्नाथ की भक्ति, प्रेम और सेवा भावना को जन-जन तक पहुँचाना है। उन्होंने इसे शहर के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उपलब्धि बताया।
यात्रा के समापन पर भगवान को 56 भोग अर्पित किए गए और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने इसे एक अद्भुत अनुभव बताया, जो उन्हें न केवल धार्मिक रूप से जोड़ता है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी संदेश देता है। यात्रा में भाग लेने वाले एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे भगवान स्वयं हमारे द्वार तक आए हों। यह केवल रथ यात्रा नहीं, हमारे लिए आत्मिक आनंद का पर्व है।”