गरियाबंद | सरकारी योजनाओं के निराकरण के लिए आयोजित सुशासन तिहार में एक अजीब लेकिन संवेदनशील रुख सामने आया है। जिले के कुछ युवाओं ने शासन से नौकरी या राशन नहीं, बल्कि जीवनसाथी की मांग की है। यह घटनाएं भले ही हास्यास्पद प्रतीत हों, मगर इनके पीछे छिपा सामाजिक अकेलापन और व्यवस्था से उम्मीद का संकेत कहीं अधिक गंभीर है।
शासन से दुल्हन की मांग!
राजिम के ब्रह्मचर्य वार्ड निवासी 36 वर्षीय चंदन साहनी ने बाकायदा आवेदन लिखकर शासन से आग्रह किया कि वह विधवा, तलाकशुदा या अनाथ गरीब कन्या से विवाह करना चाहता है, और उसके लिए सरकार मदद करे। चंदन का तर्क है कि वह अकेलेपन से त्रस्त है, और वर्षों से जीवनसाथी की तलाश में असफल रहा है।
इसी तरह की एक अन्य मांग फिंगेश्वर ब्लॉक से भी सामने आई, जहां युवक ने शादी के लिए आर्थिक सहयोग की मांग करते हुए सरकार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया।
व्यवस्था क्या कर सकती है?
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया कि अब तक 8 युवाओं के ऐसे आवेदन मिले हैं। विभाग ने उन्हें संवेदनशीलता के साथ जवाब देते हुए फिलहाल “उचित योजना और समय आने पर” मदद का आश्वासन दिया है।