जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की जा रही तैयारी ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है। हमले के महज चार घंटे के भीतर भारत सरकार के स्तर पर लिए गए चार अहम फैसलों और गतिविधियों ने इस आशंका को पुख्ता कर दिया है कि भारत एक बार फिर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या उससे भी बड़ा जवाबी हमला कर सकता है। वहीं पाकिस्तान में इन तैयारियों से घबराहट का माहौल है, जहां नेताओं के बयान और फाइटर जेट्स की तैनाती इसकी पुष्टि कर रहे हैं।
1. गृहमंत्री अमित शाह ने घाटी में संभाला मोर्चा
पहलगाम हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच गए। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और घटनास्थल का दौरा किया। शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों के मुताबिक, शाह ने निर्देश दिया है कि आतंकियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए और सीमा पार से आए हमलावरों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए।
2. पीएम मोदी ने सऊदी दौरा छोड़ा, अलग रूट से लौटे दिल्ली
हमले के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अपनी यात्रा बीच में ही रद्द कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी पाकिस्तान के एयरस्पेस से होकर न आकर वैकल्पिक रूट से सीधे दिल्ली पहुंचे। यह कदम न केवल सुरक्षा उपायों का संकेत है, बल्कि इसे पाकिस्तान के लिए ‘कूटनीतिक संदेश’ भी माना जा रहा है। दिल्ली लौटते ही पीएम मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई। यह समिति भारत की शीर्ष सुरक्षा निर्णय लेने वाली संस्था है और इसी मंच से सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले लिए जाते हैं।
3. रक्षा मंत्री की आपात बैठक, सेनाएं अलर्ट मोड में
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले के बाद तुरंत तीनों सेना प्रमुखों के साथ आपात बैठक की। सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों ने सरकार को आश्वस्त किया कि वे हर तरह की कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार, सीमापार कार्रवाई से जुड़े सभी विकल्पों पर विचार हो रहा है और जरूरत पड़ने पर सेना तुरंत मोर्चा संभाल सकती है। पिछली बार बालाकोट और उरी सर्जिकल स्ट्राइक में वायुसेना और थलसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। एक बार फिर वैसी ही कार्रवाई की संभावना प्रबल हो गई है।
4. पाकिस्तान में बिखराव और भय
भारत की तीव्र प्रतिक्रिया के संकेतों से पाकिस्तान में दहशत है। पूर्व विदेश मंत्री चौधरी फवाद हुसैन और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ जैसे वरिष्ठ नेताओं ने एक के बाद एक बयान देकर खुद को बचाने की कोशिश की है। ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि इस हमले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है, जबकि फवाद ने भारत को चेतावनी दी कि अगर कोई कार्रवाई हुई तो सभी पाकिस्तानी दल एकजुट होकर उसका विरोध करेंगे। इस बीच, सेटेलाइट इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स से पता चला है कि पाकिस्तान की वायुसेना ने अपनी सीमा के पास दो फाइटर जेट्स को सक्रिय कर रखा है और एयरस्पेस में गश्त बढ़ा दी है।
क्या दोहराई जाएगी 2016 और 2019 की कार्रवाई?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पहले भी उरी और पुलवामा हमलों के बाद सीमापार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर चुका है। दोनों बार पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था। इस बार भी अगर भारत उसी राह पर आगे बढ़ता है, तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा। भारत की खुफिया और सैन्य मशीनरी इस बार ज्यादा सुसंगठित और सक्रिय नजर आ रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत की अगली रणनीतिक चाल क्या होगी।