Sawan 2025 Date: नई दिल्ली: हिंदू धर्म में श्रावण मास यानी सावन का महीना अत्यंत पावन और भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस महीने में भक्तगण शिवजी की कृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं, जिसे श्रावण सोमवार व्रत कहा जाता है। कुछ श्रद्धालु इस मास से 16 सोमवार व्रत की शुरुआत भी करते हैं। इस दौरान माता पार्वती की आराधना का भी विशेष महत्व होता है।
Sawan 2025 Date: सावन 2025 की तिथि:
Sawan 2025 Date: पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से होगी और यह 9 अगस्त को समाप्त होगा। खास बात यह है कि इस साल सावन का अंतिम दिन रक्षाबंधन पर्व के साथ संयोग में आ रहा है।
Sawan 2025 Date: सावन सोमवार की तिथियां इस प्रकार हैं:
पहला सोमवार: 14 जुलाई
दूसरा सोमवार: 21 जुलाई
तीसरा सोमवार: 28 जुलाई
चौथा सोमवार: 4 अगस्त
Sawan 2025 Date: जलाभिषेक का मुहूर्त
Sawan 2025 Date: सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ समय प्रातः 5:33 से लेकर दोपहर तक रहेगा। भक्तगण इस अवधि में जल, दूध, बेलपत्र और गंगाजल अर्पित कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।
Sawan 2025 Date: क्षेत्रानुसार सावन की शुरुआत
Sawan 2025 Date: 11 जुलाई से उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सावन प्रारंभ होगा। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों में जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा और तमिलनाडु में सावन की शुरुआत 25 जुलाई से होगी। उत्तराखंड और हिमाचल में सावन 16 जुलाई से प्रारंभ माना जाएगा।
Sawan 2025 Date: सावन में बन रहे शुभ योग
Sawan 2025 Date: इस बार सावन मास की शुरुआत में कई ग्रहों की चाल में बदलाव देखने को मिलेगा। सूर्य, मंगल और शुक्र अपनी राशियाँ बदलेंगे जबकि बुध और शनि वक्री रहेंगे। इसके साथ ही सावन में शिव योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं।
Sawan 2025 Date: पूजन विधि
Sawan 2025 Date: सावन में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाकर पूजन करना शुभ माना जाता है। यदि घर में शिवलिंग है तो वहीं जल और दूध से अभिषेक किया जा सकता है। इसके अलावा दही, शहद, घी और गन्ने के रस से भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सोमवार के दिन विशेष रूप से अभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दौरान ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और शिव कृपा बनी रहती है।