राजनांदगांव। Rajnandgaon : जिले के छुरिया क्षेत्र के गैदाटोला गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां शासकीय शराब दुकान से खरीदी गई देशी शराब की सील बंद शीशी में मरी हुई मकड़ी का हिस्सा पाया गया। इस घटना ने मदिरा प्रेमियों के बीच सनसनी फैला दी है और सरकारी शराब दुकानों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Rajnandgaon : जानकारी के अनुसार, एक ग्रामीण ने गैदाटोला की सरकारी दुकान से ‘शोले प्लेन देशी मदिरा’ की 180 एमएल की बोतल खरीदी थी। जब वह उसे खोलने ही वाला था, तभी उसकी नजर बोतल के अंदर कुछ तैरती हुई चीज़ पर पड़ी। गौर से देखने पर पता चला कि अंदर मरी हुई मकड़ी का टुकड़ा मौजूद है, वह भी पूरी तरह सील पैक बोतल में। घटना से स्तब्ध युवक ने तुरंत शराब दुकान के कर्मचारियों को जानकारी दी, जिन्होंने बिना जवाबदेही के यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि “गलती से ये शीशी दे दी गई, आप इसे बदल लीजिए।”
हालांकि, मामला सिर्फ शीशी बदलने तक सीमित नहीं है। सवाल यह है कि आखिर बॉटलिंग के दौरान ऐसी चूक कैसे हुई? क्या शराब पैकिंग के दौरान कोई गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी मौजूद नहीं था? क्या यह मामला अकेली बोतल तक सीमित है या अन्य बोतलें भी इसी तरह की मिलावट का शिकार हैं?
ग्रामीणों और मदिरा उपभोक्ताओं ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और यदि शराब उत्पादन या वितरण में लापरवाही साबित होती है, तो दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही ऐसी घटनाओं से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और जान पर खतरा मंडरा रहा है, जिसे रोकना जरूरी है।