Pahalgam terror attack : नई दिल्ली: आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। FATF ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि ऐसा हमला फंडिंग और आतंकी नेटवर्क के समर्थन के बिना संभव नहीं हो सकता था। इस हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 पर्यटकों की मौत हुई थी।
Pahalgam terror attack : FATF की यह टिप्पणी हमले के 55 दिन बाद सामने आई है। संस्था ने कहा, “आतंकी हमले केवल निर्दोष लोगों को ही नहीं मारते, बल्कि वैश्विक स्तर पर भय का माहौल भी पैदा करते हैं।” यह FATF का दुर्लभ हस्तक्षेप है—पिछले एक दशक में यह केवल तीसरी बार है जब उसने किसी आतंकी घटना पर सार्वजनिक निंदा जताई है। इससे पहले 2015 और 2019 में ऐसे बयान दिए गए थे।
Pahalgam terror attack : इस बयान के पीछे भारतीय एजेंसियों द्वारा पाकिस्तान की भूमिका को लेकर दिए गए सबूत भी हैं, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और फंडिंग के जरिए हथियारों की आपूर्ति की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इन गतिविधियों के चलते पाकिस्तान को फिर से FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाले जाने की संभावना बढ़ गई है।
Pahalgam terror attack : FATF की एशिया-पैसिफिक ग्रुप (APG) की बैठक 25 अगस्त को और वर्किंग ग्रुप की बैठक 20 अक्टूबर को प्रस्तावित है। भारत इन बैठकों से पहले पाकिस्तान के खिलाफ एक विस्तृत डोजियर पेश करेगा, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग में उसकी संलिप्तता का ब्योरा होगा।
Pahalgam terror attack : गौरतलब है कि 2018 में पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था और उसे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर रोक के लिए एक्शन प्लान अपनाने को कहा गया था। इसके बाद 2022 में FATF ने उसे लिस्ट से हटा दिया था। अब भारत यह साबित करने की तैयारी में है कि पाकिस्तान इन नियमों का पालन करने में असफल रहा है।
Pahalgam terror attack : इसके अलावा भारत ने हाल ही में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 2.4 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर भी आपत्ति जताई थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को दी जा रही यह वित्तीय सहायता अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को पोषित कर सकती है। IMF ने अब इस बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं, जिनमें बजट मंजूरी, बिजली बिल पर सरचार्ज और पुरानी कारों पर लगे प्रतिबंधों को हटाना शामिल है।