रायपुर। राजधानी के प्रमुख निजी शैक्षणिक संस्थानों में से एक मैट्स कॉलेज, पंडरी में शुक्रवार को छात्रों की शिक्षा संबंधी समस्याओं और मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी के विरोध में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने जोरदार प्रदर्शन कर कॉलेज प्रशासन का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में नारेबाज़ी करते हुए कहा कि छात्रों की आवाज़ लंबे समय से दबाई जा रही है और अब वे चुप नहीं बैठेंगे। यह विरोध प्रदर्शन छात्रों के अधिकारों की रक्षा और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ एक सशक्त कदम बताया गया।
प्रदर्शन का नेतृत्व उत्तर विधानसभा अध्यक्ष अनुज शुक्ला ने किया। उन्होंने कहा, “छात्रों की समस्याओं को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनकी माँगें बिल्कुल स्पष्ट, व्यावहारिक और उनके मूलभूत अधिकारों से जुड़ी हुई हैं। यदि कॉलेज प्रशासन इन पर शीघ्र निर्णय नहीं लेता, तो हम प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेंगे।” उन्होंने प्रशासनिक रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उच्च शुल्क लेने के बावजूद कॉलेज बुनियादी सुविधाएं भी देने में विफल है।
एनएसयूआई द्वारा उठाई गई पाँच प्रमुख माँगें:
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परीक्षा माध्यम अनुरूप प्रश्न पत्र:
एनएसयूआई ने कहा कि छात्रों को जिस भाषा में परीक्षा देनी है, उसी भाषा में प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाए। विशेष रूप से हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेज़ी में प्रश्न पत्र दिए जाने से वे असहज महसूस करते हैं और उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है। यह शिक्षा में असमानता को दर्शाता है। -
अत्यधिक विलंब शुल्क पर पुनर्विचार:
छात्रों से प्रतिदिन ₹25 की दर से विलंब शुल्क वसूलना अनुचित और आर्थिक रूप से बोझिल है। एनएसयूआई ने इसे छात्रों का आर्थिक शोषण करार देते हुए इसे अविलंब समाप्त करने की माँग की। -
पुस्तकालय में विभागानुसार पुस्तकें उपलब्ध कराना:
छात्रों को अध्ययन के लिए उनके विभाग से संबंधित उच्च गुणवत्ता की पुस्तकें मिलना अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान में पुस्तकालय में कई विभागों की महत्वपूर्ण पुस्तकों का अभाव है, जिससे छात्रों को निजी स्तर पर महंगी किताबें खरीदनी पड़ती हैं। -
पुस्तकालय की बैठक क्षमता में वृद्धि:
छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुस्तकालय की बैठक क्षमता बेहद सीमित है। कई छात्र अध्ययन के लिए जगह न मिलने से परेशान रहते हैं। एनएसयूआई ने शांतिपूर्ण और सुविधाजनक अध्ययन माहौल सुनिश्चित करने की माँग की। -
उच्च शुल्क के अनुरूप सुविधाएँ सुनिश्चित करना:
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन छात्रों से भारी शुल्क वसूलता है, परंतु उसके अनुरूप सुविधाएँ नहीं देता। कक्षाओं में लगे एसी खराब हैं, पीने के पानी की व्यवस्था दयनीय है, वाई-फाई सेवा बाधित रहती है और कई कक्षाओं में पर्याप्त रोशनी भी नहीं है।
एनएसयूआई के इस आंदोलन में प्रदेश सचिव कुणाल दुबे, वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे, जिला महासचिव गावेश साहू, अंकित बंजारे, हिमांशु तांडी, आलोक खरे, गुज्जर खान, विनय साहू, ऐश्वर्य कोसले, असलान शेख और लक्की सहित बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी कि छात्रों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदर्शन के बाद एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल ने कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा और तीन दिन के भीतर ठोस निर्णय की मांग की। छात्र संगठन का यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसकी गंभीरता और जनसमर्थन को देखते हुए कॉलेज प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।