MP News : उज्जैन। देशभर से दर्शन के लिए धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे श्रद्धालुओं को उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस का एक जवान उनके साथ नशे में धुत्त होकर अभद्रता करता नजर आया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ‘श्रद्धा और सेवा’ की नगरी में अनुशासन की पोल भी खोल दी है।
वायरल वीडियो में आरक्षक गजेंद्र सिंह हाथ में डंडा लहराते हुए श्रद्धालुओं से गाली-गलौज करता दिखाई दे रहा है। उसकी भाषा, चाल और व्यवहार से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि वह ड्यूटी के दौरान नशे में था। घटनास्थल चारधाम मंदिर के पास का बताया जा रहा है, जहां श्रावण मास में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उसे तैनात किया गया था।
श्रद्धालुओं ने मौके पर ही उसका विरोध किया और आरोप लगाया कि वह शराब पीकर ड्यूटी कर रहा था और दर्शन के लिए आए लोगों को धमका रहा था। वीडियो सामने आते ही उज्जैन एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरक्षक गजेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
श्रावण जैसे पवित्र माह में जब पुलिस से अनुशासन और संवेदनशीलता की उम्मीद की जाती है, तब ऐसी घटनाएं आस्था को ठेस पहुंचाती हैं। सवाल ये है कि क्या इस तरह के पुलिसकर्मी आस्था के केंद्रों पर ड्यूटी के लायक हैं? और क्या प्रशासन केवल निलंबन से अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो सकता है?