वाराणसी, 11 जून 2025 – Kalyug Ka Shravan Kumar : जहाँ आज के दौर में कुछ लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं, वहीं बिहार के एक बेटे ने ‘श्रवण कुमार’ की परंपरा को जीवंत करते हुए मिसाल पेश की है। बिहार के कैमूर जिले के निवासी राणा प्रताप सिंह अपनी 90 वर्षीय माता को कंधे पर बैठाकर कैमूर से चलकर पवित्र नगरी काशी पहुँचे, जहाँ उन्होंने माता को गंगा स्नान कराने के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन कराए।
Kalyug Ka Shravan Kumar : बुधवार को काशी में यह भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला। राणा प्रताप सिंह ने पहले अपनी बुजुर्ग माता को श्रद्धापूर्वक गंगा स्नान कराया, जिसके बाद उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपने दिवंगत पिता की चरण पादुका की भी पूजा की। इन सभी अनुष्ठानों के बाद, राणा प्रताप सिंह ने अपनी माता को फिर से कंधे पर बैठाकर बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम तक का सफर तय किया और उन्हें बाबा विश्वनाथ के दर्शन कराए।
Kalyug Ka Shravan Kumar
राणा प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पिता का निधन 11 अप्रैल को हो गया था। इसके बाद उन्होंने यह प्रण लिया कि वे हर पूर्णिमा पर अपनी माता को गंगा स्नान कराकर मंदिरों के दर्शन कराएंगे। आज पूर्णिमा के शुभ अवसर पर उन्होंने इस प्रण की शुरुआत की है।
भावुक हुए राणा प्रताप सिंह ने सभी लोगों से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि “सभी तीर्थ माता-पिता ही हैं। उनकी सेवा करना ही असली धर्म है।“ उनकी इस श्रद्धा और समर्पण को देखकर काशी में मौजूद श्रद्धालु और स्थानीय लोग भी भावुक हो उठे और ‘कलयुग के श्रवण कुमार’ की इस पहल की जमकर सराहना की। यह घटना उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने माता-पिता के प्रति कर्तव्य और प्रेम के महत्व को समझते हैं।