वॉशिंगटन। सांपों से दोस्ती कर रचा इतिहास : सांप का नाम सुनते ही जहां लोग डर के मारे दूर भागते हैं, वहीं अमेरिका का एक शख्स ऐसा भी है जिसने ज़हर से दोस्ती कर ली और अब वही ज़हर उसकी पहचान बन गया है। टिम फ्रीडे नाम के इस व्यक्ति ने न सिर्फ वर्षों तक दर्जनों खतरनाक सांपों को पाला, बल्कि वह जानबूझकर खुद को सांपों से डसवाता रहा ताकि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज़हर के खिलाफ विकसित हो सके।
टिम का जुनून अब मेडिकल साइंस के लिए वरदान बन रहा है। वैज्ञानिकों ने उसके खून में पाई गई एंटीबॉडीज़ को ज़हर के इलाज में उपयोग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका खून अब नई पीढ़ी के एंटीवेनम (सांप के ज़हर का इलाज) को विकसित करने में मदद कर रहा है। यानी टिम फ्रीडे अब न केवल सांपों के बीच ज़िंदा हैं, बल्कि उनके ज़हर से दुनिया को बचाने की मिसाल भी बन चुके हैं।
टिम के घर के फ्रिज में आज भी कई तरह के ज़हरीले सांपों का ज़हर सुरक्षित रखा गया है, जिसे वह रिसर्च के लिए उपयोग में लाते हैं। कोबरा से लेकर वाइपर तक , टिम के शरीर ने सैकड़ों बार ज़हर को झेला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके खून में इतनी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है कि वह घातक ज़हर को भी निष्क्रिय कर सकता है।
अब टिम के खून से मिलने वाली एंटीबॉडी से ऐसी एंटीवेनम दवाएं विकसित की जा रही हैं जो मौजूदा इलाज से अधिक प्रभावी और सस्ती होंगी। खासतौर पर विकासशील देशों में जहां सांप के काटने से हर साल हजारों जानें जाती हैं, टिम की यह विरासत सांप के ज़हर को परास्त करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बन सकती है।