मुंगेली। छोटे शहर से निकलकर बड़े सपनों को साकार करने वाली कहानी एक बार फिर सामने आई है। मुंगेली के पार्थ तिवारी ने आईआईएम बैंगलोर के प्रतिष्ठित ईपीजीपी प्रोग्राम में गोल्ड मेडल हासिल कर न केवल अपने जिले, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। पार्थ इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वैज्ञानिक के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।
पार्थ की पढ़ाई की शुरुआत मुंगेली के एक साधारण स्कूल से हुई, जहां उनके शिक्षक पिता ने उन्हें पढ़ाई का अनुकूल वातावरण दिया। आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक करने के बाद उन्हें अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस करने का मौका भी मिला, लेकिन उन्होंने देश सेवा को प्राथमिकता दी और इसरो में शामिल होकर चंद्रयान-3 जैसे अहम प्रोजेक्ट में योगदान दिया।
आज पार्थ वैश्विक तकनीकी और रणनीतिक विकास के क्षेत्र में भारत की भागीदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनकी यात्रा नई पीढ़ी के लिए एक मिसाल बनकर सामने आई है।