नई दिल्ली। भारत को नया मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल गया है। न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने सोमवार को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस गवई देश के पहले बौद्ध सीजेआई हैं और अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। इससे पहले न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन इस वर्ग से पहले CJI थे। जस्टिस गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 तक रहेगा।
उनकी नियुक्ति की सिफारिश पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने 16 अप्रैल को की थी, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर अंतिम रूप दिया।
जस्टिस गवई की न्यायिक यात्रा महाराष्ट्र से शुरू हुई थी और वह उच्च न्यायालयों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। उनके कार्यकाल को संविधान की व्याख्या, सामाजिक न्याय और न्यायिक सुधारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नए सीजेआई की शपथ के साथ ही न्यायपालिका में एक नया अध्याय शुरू हो गया है।