बुरहानपुर | बुरहानपुर जिले के आदिवासी बहुल धूलकोट क्षेत्र में रहने वाले करीब 8 हजार आदिवासी किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन और वन विभाग ने वनाधिकार अधिनियम के तहत इन किसानों के पट्टे निरस्त कर दिए हैं। प्रशासन का साफ कहना है कि इन किसानों को जल्द ही खाली करवाया जाएगा और किसी भी प्रकार की खेती या विकास गतिविधि नहीं करने दी जाएगी।
इस फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में आदिवासियों में भारी आक्रोश है। आदिवासी समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे भूखमरी और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
शिवराज सरकार के वादे पर उठे सवाल
आदिवासियों का कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि 2005 से पहले कब्जे में आई जमीन पर सभी आदिवासियों को पट्टे दिए जाएंगे। इस वादे के आधार पर लोगों ने बीजेपी को चुनावों में भारी समर्थन दिया था। अब वही वादा टूटने से समुदाय खुद को ठगा महसूस कर रहा है।
चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान
न्याय की मांग को लेकर आदिवासी चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में हैं। पहले जिला स्तर पर रैली और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद वे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के साथ भोपाल पहुंचकर राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाएंगे।
प्रशासन और सरकार के इस फैसले ने हजारों आदिवासी परिवारों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।