नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर 2.0 : पाकिस्तान पर हालिया एयर स्ट्राइक के बाद अब भारत रुकने के मूड में नहीं दिख रहा। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की रणनीति केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि भारत इस बार पाकिस्तान की आंतरिक कमजोरी को वैश्विक मंच पर उभारने की तैयारी में है। इस रणनीति का अगला केंद्र बलूचिस्तान हो सकता है — एक ऐसा इलाका जहां लंबे समय से पाकिस्तान विरोधी आंदोलन चलाया जा रहा हैं
गोपनीय सूत्र अनुसार भारत अब कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन, सैन्य दमन और आर्थिक शोषण के मुद्दों को वैश्विक संस्थाओं के समक्ष उठा सकता है। यह रणनीति 1971 की तरह हो सकती है, जब भारत ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद की थी।
बलूचिस्तान में सेना और स्थानीय प्रशासन के बीच बढ़ती खाई और जनता में असंतोष इस रणनीतिक दांव का आधार बन सकता है। अगर यह योजना जमीन पर उतरी, तो पाकिस्तान की भू-राजनीतिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
भारत यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अब हर आतंकी हमले का जवाब केवल सीमित कार्रवाई से नहीं होगा — अब वह उसकी जड़ पर प्रहार करने की दिशा में सोच रहा है।