Shubhanshu Shukla : नई दिल्ली। भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में गौरव दिलाने वाले भारतीय गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन Axiom-4 के तहत 18 दिन अंतरिक्ष में बिताकर अब धरती की ओर रवाना हो चुके हैं। स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और यान अब अमेरिका के कैलिफोर्निया तट की ओर उड़ान भर चुका है। करीब 23 घंटे की यात्रा के बाद यह यान प्रशांत महासागर में स्पलैशडाउन करेगा।
ड्रैगन यान में है भारत का प्रतिनिधि
शुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन भी हैं, 26 जून को Axiom-4 मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्षयात्रियों के साथ ISS (International Space Station) पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों में भाग लिया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने न केवल भारत को गौरवान्वित किया बल्कि अंतरिक्ष में भारत की वैज्ञानिक क्षमता का भी प्रदर्शन किया।
स्वचालित वापसी, 580 पाउंड डेटा साथ लौटेगा
नासा ने जानकारी दी है कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की धरती पर वापसी पूरी तरह स्वचालित होगी। यह अंतरिक्ष यान 580 पाउंड से अधिक वैज्ञानिक उपकरण और डेटा के साथ लौटेगा, जिसमें 60 से ज्यादा अंतरिक्ष प्रयोगों का डाटा शामिल है।
शुभांशु का भावुक विदाई संदेश
वापसी से ठीक पहले, शुभांशु शुक्ला ने ISS से बेहद भावुक विदाई भाषण दिया। उन्होंने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के अमर शब्दों को दोहराते हुए कहा—
“सारे जहां से अच्छा आज भी भारत है…”
उन्होंने आगे कहा,
“यह मेरे लिए कमाल की यात्रा रही है। जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं। लेकिन मानव अंतरिक्ष उड़ान की यह यात्रा अभी बहुत लंबी है।”
Axiom-4: भारत की नई अंतरिक्ष छलांग
Axiom Space द्वारा आयोजित यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, लेकिन इसमें भारत की भागीदारी शुभांशु जैसे गगनयात्रियों के माध्यम से एक नई अंतरिक्ष नीति और भागीदारी की शुरुआत को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु –
- 18 दिन ISS पर बिताए गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ने
- 580 पाउंड वैज्ञानिक उपकरण और डेटा के साथ लौट रहा स्पेसक्राफ्ट
- 23 घंटे बाद कैलिफोर्निया तट पर स्पलैशडाउन की संभावना
- राकेश शर्मा की विरासत को आगे बढ़ाते दिखे शुभांशु