Industrial Development : लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सीधे सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने स्मार्टफोन की जगह टैबलेट खरीदने, एफडीआई सब्सिडी और मास्टर प्लान में बदलाव जैसे मामलों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए अफसरशाही की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है।
Read More : Sawan Mela 2025 : महिलाओं की शक्ति, सावन की रौनक: संगीनी मेला में सजी सृजन और संस्कृति की झलक….
मंत्री ने आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में योजनाओं में बदलाव करके 3100 करोड़ रुपये का बजट लैप्स करवा दिया गया। वहीं, विभाग का कहना है कि सभी निर्णय नियमों के तहत और शीर्ष स्तर की मंजूरी से लिए गए हैं।
मामला तब गरमाया जब नंदी ने सवाल उठाया कि जब कैबिनेट ने 22 जनवरी 2025 को कुंभ में फैसला लिया था कि 25 लाख छात्रों को स्मार्टफोन बांटे जाएंगे, तो फिर महज पांच महीने बाद टैबलेट क्यों खरीद लिए गए? खास बात यह है कि उस समय तक पहले से खरीदे गए 7.18 लाख टैबलेट और 1.04 लाख स्मार्टफोन भी वितरित नहीं किए गए थे।
Read More : Chhattisgarh High Court : भांग की खेती पर हाईकोर्ट सख्त, याचिका खारिज…..
मंत्री ने यह भी कहा कि स्मार्टफोन की डिमांड 27 लाख थी, जबकि टैबलेट की मांग सिर्फ 7 लाख के आसपास थी। ऐसे में यह बदलाव किस आधार पर किया गया, यह स्पष्ट नहीं है।
दूसरी ओर विभाग ने अपनी सफाई में कहा है कि सभी प्रस्ताव प्रक्रियागत रूप से कैबिनेट के पास भेजे गए हैं और बिना मंजूरी के कोई भी योजना लागू नहीं की जाएगी। मास्टर प्लान में बदलाव और एफडीआई सब्सिडी जैसे मामलों में भी नियमानुसार ही कार्रवाई की गई है।
Read More : Indigo Flight Emergency Landing : पटना से दिल्ली जा रही इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग….
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब विपक्ष पहले ही सरकार की योजनाओं को लेकर तीखे सवाल उठा रहा है। अब खुद सरकार के मंत्री द्वारा उठाए गए इन सवालों से न सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है।