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विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: इस साल की थीम पर खास ज़ोर, जानिए इतिहास, उद्देश्य और इससे जुड़ी अहम बातें

Health Care: हर वर्ष 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) इस बार भी पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने और बेहतर जीवनशैली को अपनाने के संदेश के साथ मनाया जा रहा है ग्लोबल हेल्थ एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्थापना दिवस के मौके पर मनाया जाने वाला यह दिन, आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, मानसिक तनाव और भागदौड़ भरे जीवन के चलते स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। इस दिन का उद्देश्य केवल बीमारियों से बचाव नहीं, बल्कि लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करना भी है।

इस साल की थीम क्या है?
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम है:
“Healthy beginnings, Hopeful futures”
यानि – “स्वस्थ शुरुआत, आशावादी भविष्य”।

इस बार की थीम का केंद्र बिंदु है – गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य।
विचार यह है कि यदि जीवन की शुरुआत ही स्वस्थ हो, तो आगे का सफर भी सुरक्षित और बेहतर हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और नवजातों की समय पर जांच और पोषण संबंधी जरूरतें पूरी कर दी जाएं, तो लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल लगभग 3 लाख महिलाएं गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जान गंवाती हैं, जबकि 20 लाख नवजात जन्म के पहले महीने में दम तोड़ देते हैं।

इस बार की थीम इन आंकड़ों को चुनौती देने की पहल है।

कैसे रखें गर्भवती महिलाओं और नवजातों की सेहत का ध्यान?
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न संगठनों द्वारा कई कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया गया है। इसके ज़रिए बताया गया कि—

पोषण युक्त आहार गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है, जिससे मां और शिशु दोनों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

समय पर चिकित्सकीय जांच से जटिलताओं से बचाव संभव है।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी गर्भवती महिलाओं के लिए उतना ही अहम है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।

हल्की-फुल्की व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को भी इस दौरान सुरक्षित माना गया है, बशर्ते यह डॉक्टर की सलाह पर हो।

डिलीवरी सुविधाएं और बेहतर मातृत्व सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में भी प्रयास तेज़ किए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत कब हुई?
इस दिन को पहली बार 7 अप्रैल 1948 को WHO की स्थापना के दिन के रूप में चिन्हित किया गया था, लेकिन 1950 से इसे आधिकारिक रूप से हर वर्ष मनाया जाने लगा।
तब से लेकर आज तक, हर साल एक नई थीम के ज़रिए लोगों को उनके स्वास्थ्य, बीमारियों की रोकथाम और बेहतर जीवनशैली के प्रति जागरूक किया जाता है।

क्यों है यह दिन ज़रूरी?
वर्तमान दौर में जब डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियां कम उम्र में ही लोगों को जकड़ रही हैं, तब स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाना अब एक आवश्यकता बन गया है।
इस दिन की खासियत यह है कि यह सिर्फ बीमारी की बात नहीं करता, बल्कि जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक दिशा में ले जाने की बात करता है।

स्वस्थ शुरुआत ही स्वस्थ भविष्य की नींव रखती है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम इसी सोच को आगे बढ़ाती है। ऐसे में यह दिन हम सभी के लिए एक मौका है — खुद को, अपने परिवार और समाज को सेहत के महत्व को समझाने और अपनाने का।

क्योंकि जब शरीर स्वस्थ होता है, तभी भविष्य में आशा और ऊर्जा बनी रहती है।

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