रायपुर। Tomar Brothers Case : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु — वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी सिंह और रोहित तोमर — अब प्रशासनिक रडार पर आ गए हैं। पुलिस जहां उनकी गिरफ्तारी के लिए राज्यभर में दबिश दे रही है, वहीं रायपुर नगर निगम ने इनके भाठागांव स्थित आलीशान बंगले पर बुलडोजर चलाने की तैयारी तेज कर दी है।
Tomar Brothers Case : नगर निगम की टीम ने रविवार को बंगले का निरीक्षण कर निर्माण से संबंधित दस्तावेज मांगे और नाप-जोख की कार्रवाई शुरू की। प्रारंभिक जांच में बंगले का एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से निर्मित पाया गया है। ज़ोन कमिश्नर हितेंद्र यादव ने स्पष्ट किया है कि दस्तावेजों की पुष्टि के बाद निर्माण नियमों के उल्लंघन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस, नगर निगम और आयकर विभाग की तिकड़ी कार्रवाई
तोमर बंधुओं के खिलाफ तीन प्रमुख एजेंसियां – पुलिस, नगर निगम और आयकर विभाग – एक साथ कार्रवाई में जुटी हैं। हाल ही में पुलिस ने सांईविला स्थित रोहित तोमर के घर पर छापा मारकर हथियार, नकदी, जेवर, कोरे स्टांप पेपर, चेक और ऋण संबंधित दस्तावेज जब्त किए थे। इसके बाद आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। वहीं, आयकर विभाग को भी संदिग्ध आय और संपत्तियों की जानकारी दी गई है।
Tomar Brothers Case
कर्ज, खौफ और नेताओं से नजदीकियां
इन भाइयों पर हत्या, धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, वसूली और सूदखोरी जैसे गंभीर अपराधों में 12 से अधिक केस दर्ज हैं। इनके कर्ज के जाल में फंसे लोग अक्सर नेताओं से इनकी नजदीकियों के कारण शिकायत करने से डरते थे। चुनावी सीजन में नेताओं के साथ इनके पोस्टर भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नज़र आते थे, जिससे इनका दबदबा और भय लगातार बना रहा।
बड़ी कार्रवाई की संभावना
सूत्रों के अनुसार यदि जांच में बंगला अवैध पाया जाता है, तो नगर निगम की ओर से जल्द ही ढहाने की कार्रवाई की जा सकती है। दूसरी ओर, पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है, और वीरेंद्र तथा रोहित की गिरफ्तारी अब प्राथमिकता बन गई है।
तोमर बंधुओं की गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की यह प्रक्रिया छत्तीसगढ़ की आपराधिक दुनिया में एक बड़ा संदेश बन सकती है – कि ‘सिस्टम की नाकामी’ अब कानून की सख्ती में बदल रही है।