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The Taj Mahal : ताजमहल की सफेदी लौटाने की कोशिश शुरू, नौ साल बाद फिर से हुआ मडपैक ट्रीटमेंट

The Taj Mahal : आगरा। विश्व धरोहर ताजमहल की सफेदी को प्रदूषण से बचाने और उसकी चमक फिर से लौटाने की दिशा में एक बार फिर पहल की गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने यमुना किनारे स्थित उत्तरी मेहराब पर मडपैक ट्रीटमेंट का कार्य शुरू कर दिया है। ताजमहल के संगमरमर पर जमी गंदगी और पीलेपन को हटाने के लिए नौ साल बाद यह तकनीकी सफाई दोबारा शुरू की गई है।

क्यों जरूरी हुआ मडपैक ट्रीटमेंट?

ताजमहल के संगमरमर पर प्रदूषण और यमुना नदी के पास पनपे खास कीड़ों की वजह से पीले-भूरे दाग पड़ जाते हैं। साल 2015 में संसद की पर्यावरण संबंधी स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में ताजमहल की सफाई के लिए मडपैक ट्रीटमेंट की सिफारिश की थी। इसके बाद ASI ने वर्ष 2016 में पहली बार इस ट्रीटमेंट की शुरुआत की थी।

क्या होता है मडपैक ट्रीटमेंट?

मडपैक ट्रीटमेंट के तहत ताजमहल की दीवारों पर मुल्तानी मिट्टी (फुलर अर्थ) का लेप किया जाता है। यह लेप धीरे-धीरे सूखता है और संगमरमर की सतह पर जमी गंदगी को सोख लेता है। फिर उसे डिस्टिल्ड वॉटर से धोकर हटा दिया जाता है। इससे संगमरमर अपनी प्राकृतिक चमक और रंगत दोबारा हासिल करता है।

कहां-कहां किया जा रहा है ट्रीटमेंट?

इस बार मडपैक ट्रीटमेंट मुख्य मकबरे के उत्तरी हिस्से यानी यमुना की तरफ की मेहराब पर किया जा रहा है। इस हिस्से में सबसे ज्यादा गंदगी और कीड़े द्वारा छोड़े गए दाग देखे गए हैं। पर्यटकों का निकास द्वार जो इस हिस्से से लगा हुआ था, उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। पर्यटकों को मुख्य गेट से ही बाहर निकाला जा रहा है।

कौन कर रहा है निगरानी?

ASI की रसायन शाखा इस काम की जिम्मेदार है। दिल्ली से आए ASI के निदेशक डॉ. एमके भटनागर ने हाल ही में ताजमहल का निरीक्षण किया और अधीनस्थ अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

यमुना के कीड़ों से हो रही गंदगी

विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना नदी के प्रदूषित पानी में पनपने वाले कीड़े, जैसे गोल्डीकाइरोनोमस, ताजमहल की सफेद दीवारों की ओर आकर्षित होते हैं। ये कीड़े ताज की दीवारों पर काले-भूरे दाग छोड़ जाते हैं। खासकर ऊपरी हिस्सों में इन दागों को साफ करना मुश्किल हो जाता है, और इसी कारण समय-समय पर मडपैक ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।

ट्रंप दौरे के वक्त हुआ था सीमित ट्रीटमेंट

फरवरी 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान ताजमहल के मुख्य मकबरे में केवल हाथ की ऊंचाई तक ही सफाई की गई थी। उसके बाद से अब तक कोई बड़ा ट्रीटमेंट नहीं किया गया था।

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