रायपुर । Rawatpura Fee Scam : मेडिकल कॉलेज घूसकांड में घिर चुके श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय का अब एक और घोटाला सामने आया है। भिलाई स्थित उनके फार्मेसी कॉलेज “श्री रावतपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी” पर छात्रों से तीन गुना अधिक फीस वसूली का आरोप लगा है। खुलासा यह भी हुआ है कि विश्वविद्यालय ने निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की सांठगांठ से D फार्मा, B फार्मा और M फार्मा की सालाना फीस ₹1.20 लाख तय करवा ली थी, जबकि राज्य सरकार ने अधिकृत रूप से इसे केवल ₹39,300 निर्धारित किया है।
Rawatpura Fee Scam : दरअसल, 2008 के बाद व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस तय करने का अधिकार सिर्फ फीस विनियामक समिति को है, न कि निजी विश्वविद्यालय आयोग को। बावजूद इसके आयोग ने सितंबर 2024 में रावतपुरा विश्वविद्यालय को फार्मेसी, B.Tech, फैशन टेक्नोलॉजी समेत 11 कोर्स की फीस निर्धारण की अनुशंसा दी, जो अब जांच के घेरे में है।
इस फर्जीवाड़े का एक और पहलू यह है कि रावतपुरा संस्थान राज्य शासन के लोगो का इस्तेमाल कर विध्यार्थियों को गुमराह करता रहा, जिससे छात्र इसे वैध समझकर ज्यादा फीस भरते रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय की ऊंची पहुंच और तगड़े रसूख का हवाला देकर यह खेल लंबे समय से चल रहा था।
Rawatpura Fee Scam
अब जब मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाले में CBI की जांच चल रही है और पहले ही 36 लोगों के नाम चार्जशीट में आ चुके हैं, तो यह नया खुलासा श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय की पूरी कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है। यह मामला अब केवल घूसकांड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि छात्रों के साथ खुलेआम आर्थिक शोषण का रूप ले चुका है।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शासन और CBI इस फीस घोटाले पर क्या कार्रवाई करती है, क्योंकि मामला अब विश्वविद्यालय की नैतिकता और वैधानिकता दोनों पर सवाल खड़ा कर चुका है।