जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने देश को गहरे शोक में डुबो दिया। इस हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई, और इसके साथ ही भारत में गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस बार भारत केवल शोक नहीं मना रहा, बल्कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने आतंकी हमले के जवाब में त्वरित और निर्णायक कदम उठाए हैं, और यह स्पष्ट कर दिया है कि अब पाकिस्तान को शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से जवाब दिया जाएगा।
सिंधु जल संधि का स्थगन, पाकिस्तान के लिए जल संकट की शुरुआत
भारत ने सबसे पहला कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह संधि दशकों से पाकिस्तान को पानी मुहैया कराती आ रही थी, लेकिन अब भारत ने इसे पाकिस्तान के खिलाफ एक प्रभावी नीति उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। सिंधु और इसकी सहायक नदियां पाकिस्तान की अधिकांश कृषि और जल आपूर्ति का आधार हैं। अब भारत ने इस जल स्रोत पर नियंत्रण को सख्त कर दिया है, और पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जिसका असर लाहौर से कराची तक होगा।
कूटनीतिक दबाव और पाकिस्तान को चेतावनी
भारत ने कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया गया है, पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया गया है और उन्हें 7 दिनों के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह साफ कर दिया कि यह कदम केवल शुरुआत हैं, और आगे भी कई कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
पाकिस्तान की घबराहट और भारत की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की घबराहट साफ दिख रही है। वहां के राजनेता और सैन्य अधिकारी अब यह स्वीकार कर रहे हैं कि भारत किसी भी समय कोई बड़ा कदम उठा सकता है। बालाकोट एयरस्ट्राइक की यादें पाकिस्तान के लिए अभी ताजी हैं, और अब पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने आशंका जताई है कि भारत इस बार उससे भी बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है। पाकिस्तान अब समझ चुका है कि भारत केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक नीति और आत्मविश्वास पर भी हमला कर सकता है।
मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक हमला
भारत की रणनीति केवल सैन्य नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक भी है। भारत ने पाकिस्तान की कमजोरियों को अपनी रणनीति का हिस्सा बनाया है, और अब यह साफ है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को केवल निंदा से नहीं, बल्कि सख्त नीति से नष्ट किया जाएगा। पाकिस्तान को अब यह समझना होगा कि आतंकवाद का समर्थन करना उसके लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।
भारत की दीवार को तोड़ने की कोशिशें
भारत ने पाकिस्तान को यह साफ संदेश दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं होगी। पाकिस्तान की अपनी जमीन पर ही आवाजें उठने लगी हैं—दानिश कनेरिया जैसे पाकिस्तानी क्रिकेटर ने पाकिस्तान की नीतियों का विरोध किया है, जो यह दर्शाता है कि झूठ की नींव पर खड़ा पाकिस्तान अब अपने ही घर में मुश्किलों का सामना कर रहा है। भारत ने पूरी दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति बहुत सख्त होगी। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि अब आतंकवाद उसका अस्तित्व समाप्त करने का कारण बनेगा।