MP NEWS : अभय मिश्रा/मऊगंज, नईगड़ी थाना | मऊगंज जिले के देवरी सेंगरान गांव में 15 अगस्त 2024 को हुए 17 वर्षीय सुमित शर्मा हत्याकांड में आखिरकार 11 महीने बाद न्याय की रोशनी दिखाई दी है। पुलिस ने गहन जांच के बाद इस बहुचर्चित मामले में भाजपा युवा मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। खास बात यह रही कि जिस दिन पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला, उसी दिन उनके घर एक नन्हे मेहमान ने जन्म लिया। यह दृश्य लोगों को उस समय की याद दिला गया जब सिद्धू मूसेवाला के निधन के बाद उनके घर संतान ने जन्म लिया था।
हत्या, साजिश और मोहब्बत का त्रिकोण:
सुमित शर्मा, परिवार का इकलौता बेटा था। 15 अगस्त की शाम वह घर से निकला और फिर नहीं लौटा। अगले दिन उसका शव पास के खेत में मिला — चाकुओं से गोदा गया, हाथ-पैर जले हुए। प्रारंभिक योजना थी कि शव को बहुती प्रपात में फेंका जाए, लेकिन आस-पास हलचल बढ़ने पर आरोपी शव छोड़ भाग निकले।
इस अमानवीय हत्याकांड में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया —
- अर्पित त्रिपाठी
- अनीत त्रिपाठी
- दुर्गेश तिवारी (BJP युवा मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष)
मऊगंज पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
राजनीति में भूचाल:
हत्या के बाद भाजपा नेता दुर्गेश तिवारी की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं — एक में वे देवतालाब विधायक के साथ नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी में मनगवा विधायक के साथ। वायरल तस्वीरों ने सत्ता और अपराध के बीच के रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या रसूख की छांव में अपराध पल रहे हैं? यह प्रश्न अब जनता के साथ-साथ न्यायपालिका के सामने भी है।
इंसाफ की घड़ी और उम्मीद की किलकारी:
इसी राजनीतिक व न्यायिक उथल-पुथल के बीच सुमित के घर एक नन्हा चिराग जन्मा। परिजन कहते हैं कि यह बच्चा उनके बुझ चुके जीवन में फिर से रौशनी लेकर आया है। जिस दिन कोर्ट से गिरफ्तारी की पुष्टि हुई, उसी शाम परिवार में जीवन की नई शुरुआत हुई।