Indore: इंदौर नगर निगम में सामने आए बहुचर्चित फर्जी बिल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में करीब 34 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है। ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। ईडी द्वारा अटैच की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थित 43 रिहायशी और कृषि भूमि शामिल हैं। ये संपत्तियां नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों से जुड़ी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप है।
Indore: जांच एजेंसी के अनुसार, नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों ने आपसी मिलीभगत से नालों की सफाई और निर्माण कार्य के नाम पर फर्जी बिल तैयार किए। इन बिलों के आधार पर करीब 92 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि ठेकेदारों ने इस धन को अपने कर्मचारियों और मजदूरों के नाम पर मुखौटा खातों (म्यूल अकाउंट्स) के माध्यम से निकाला। इसके बाद यह नकदी ठेकेदारों और निगम के अधिकारियों के बीच बांट दी गई। यह पूरा लेन-देन एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस दौरान 22 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति, महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त की गई थीं। इन सबूतों के आधार पर अब तक की गई कार्रवाई को आगे बढ़ाया गया है। ईडी की कार्रवाई अब भी जारी है, और आने वाले दिनों में और भी संपत्तियों की कुर्की तथा गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। जांच एजेंसी सभी संदिग्ध खातों और लेन-देन की गहन पड़ताल कर रही है।