लंदन/नई दिल्ली। India-UK Free Trade Agreement : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय यूके दौरे पर लंदन पहुंच चुके हैं, जहां उनका भारतीय प्रवासी समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस ऐतिहासिक यात्रा में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच Free Trade Agreement (FTA) को लेकर सभी की निगाहें टिकी हैं, जिस पर वर्षों की बातचीत के बाद अब जाकर सहमति बनी है।
India-UK Free Trade Agreement : तीन साल की बातचीत के बाद ऐतिहासिक समझौता
भारत और यूके के बीच इस FTA डील पर पिछले तीन वर्षों से बातचीत चल रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते का मसौदा तैयार हो चुका है और भारत की कैबिनेट ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। अब यह ब्रिटिश संसद की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है, जिसमें 6 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है।
डील से दोनों देशों को क्या मिलेगा फायदा?
इस समझौते के बाद भारत-यूके के द्विपक्षीय व्यापार में 2030 तक 120 बिलियन डॉलर तक की उछाल आने की संभावना है। भारत के लिए यह डील खासतौर पर फायदेमंद होगी क्योंकि टेक्सटाइल, फुटवियर, खिलौने, जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे श्रम-प्रधान उत्पादों पर ब्रिटेन में इंपोर्ट ड्यूटी शून्य हो जाएगी। वहीं भारत में ब्रिटिश व्हिस्की, लग्जरी कारें, फैशन और इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे।
India-UK Free Trade Agreement
किन-किन प्रोडक्ट्स पर पड़ेगा असर?
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जगुआर-लैंड रोवर जैसी लग्जरी कारें अब भारत में पहले से सस्ती मिलेंगी।
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स्कॉच व्हिस्की और वाइन पर आयात शुल्क में कमी होगी, जिससे ये महंगी शराब अब आम आदमी के लिए भी किफायती हो सकती है।
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ब्रिटेन के ब्रांडेड कपड़े और होम डेकोर प्रोडक्ट्स भी सस्ते होंगे।
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भारत के रत्न और आभूषण ब्रिटिश बाजार में अब कम दामों में उपलब्ध होंगे, जिससे भारतीय ज्वेलर्स को नया मार्केट मिलेगा।
रोजगार और निवेश को मिलेगा बूस्ट
FTA डील से न केवल ट्रेड बल्कि डिजिटल टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव और मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे दोनों देशों के युवाओं के लिए स्किल डिवेलपमेंट और जॉब मार्केट में भी संभावनाएं बढ़ेंगी।
पीयूष गोयल की अहम भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस डील की प्रक्रिया में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की प्रमुख भूमिका रही है, जिन्होंने भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए डील की शर्तों को फाइनल करवाया।
अब निगाहें ब्रिटिश संसद पर
भारत की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब इस समझौते को ब्रिटिश संसद की मंजूरी की प्रतीक्षा है। अनुमोदन मिलते ही भारत और यूके के बीच व्यापारिक रिश्तों का नया अध्याय शुरू होगा।