Big scam exposed in GPM: छत्तीसगढ़ के पेंड्रा थाना क्षेत्र में फर्जी भैंसा व्यापार का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिसमें 150 से अधिक भैंसों को बिना वैध दस्तावेजों के बाजार में लाया गया था। 10 जनवरी की रात सोनकुंड बाजार के पास एक बड़े झुंड में 150 से ज्यादा भैंसे देखे गए। भैंसा व्यापारियों के पास न तो खरीदी-बिक्री का लाइसेंस था और न ही स्वास्थ्य प्रमाण पत्र या ट्रांसपोर्ट परमिट।
Big scam exposed in GPM: घटना की जानकारी पेंड्रा थाना प्रभारी को दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पशु मालिकों की जानकारी दर्ज कर उन्हें सुबह थाने बुलाया गया। लेकिन अगली सुबह बिना किसी सख्त जांच के सभी भैंसों को छोड़ दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। दावा है कि 70 भैंसों के कागज़ प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन मौके पर भैंसों की संख्या 100 से ज्यादा थी। सवाल यह उठता है कि बाकी जानवरों को किस आधार पर मुक्त कर दिया गया?
Big scam exposed in GPM: आरोप लग रहे है कि थाना प्रभारी की भूमिका संदेहास्पद है। यह मामला व्यापारियों से जुड़ा है, जबकि रसीदें सिर्फ किसानों के नाम पर दिखाई गईं। ऐसे में बिना वैध लाइसेंस के पशुओं को छोड़ना सीधे-सीधे नियमों की अनदेखी है। भारत सरकार और राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, पशु व्यापार में सभी कागज़ात अनिवार्य होते हैं – जैसे पशु का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, खरीदी-बिक्री का लाइसेंस, और परिवहन की अनुमति। लेकिन इस मामले में यह सब गंभीर रूप से नजरअंदाज किया गया।
Big scam exposed in GPM: इस घटना ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वाकई पुलिस अवैध कारोबारियों के साथ मिली हुई है? क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा? इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि जब तक जागरूक नागरिक और निडर पत्रकार आगे नहीं आएंगे, तब तक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश मुश्किल है। अब बारी जनता की है — क्या वह चुप बैठेगी या सिस्टम को जवाबदेह बनाएगी?