CM Rise School : रीवा। सीएम राइज स्कूल में बच्चों को दिए जा रहे भोजन की दुर्दशा ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्कूली बच्चों को दाल-सब्जी के नाम पर सिर्फ पानी परोसा जा रहा है, जबकि चावल आधा पका हुआ है।
वीडियो में कैमरे के सामने घबराई खाना बांटने वाली महिला पहले दाल और सब्जी के बर्तन से पानी निकालकर फेंकती नजर आती है, ताकि कैमरे में “खाना” कुछ बेहतर दिखे। लेकिन सच्चाई किसी से छुपी नहीं – दाल में दाना नहीं, सब्जी में आलू नहीं, चावल अधपका और बेस्वाद। स्थानीय निवासी शिवानंद द्विवेदी ने बताया, “यह खाना तो जानवरों को देने लायक भी नहीं है। बच्चों के साथ मज़ाक किया जा रहा है।” कुछ बच्चे तो यह भोजन गाय को खिलाते दिखे, जो व्यवस्था पर बड़ा तमाचा है।
यह हाल सिर्फ एक स्कूल का नहीं, बल्कि जिलेभर के कई शासकीय स्कूलों की यही तस्वीर है। प्रदेश सरकार शिक्षा और पोषण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत में बच्चों के निवाले तक का भ्रष्टाचार हो रहा है। सवाल यह है कि क्या बच्चों की गरीबी का मज़ाक उड़ाया जा रहा है? क्या उनके भीतर हीन भावना भरने की साजिश हो रही है?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन चुप क्यों है? क्या मूकदर्शक बनकर कहीं वह इस बंदरबांट का अप्रत्यक्ष संरक्षण तो नहीं दे रहा?