रायपुर, 27 मई — Janki Chapter 1 : छत्तीसगढ़ी सिनेमा की यात्रा अब नए मुकाम की ओर बढ़ चली है। दशकों से अपनी सांस्कृतिक जड़ों और बोली की मिठास को सिनेमा के परदे पर उकेरने वाली छॉलीवुड इंडस्ट्री अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर है। पहली बार छत्तीसगढ़ के फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों ने क्षेत्रीय सीमाओं को लांघते हुए एक पूर्ण हिंदी फीचर फिल्म का निर्माण किया है, जो 13 जून को देशभर के सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है।
Janki Chapter 1 : छत्तीसगढ़ी सिनेमा का सफर 1965 में “कहि देबे सन्देस” से शुरू हुआ था, जिसने भाषा और संस्कृति की सजीव झलक दर्शकों को दी। इसके बाद 1972 में आई “घर-द्वार” और फिर वर्ष 2000 में पहली रंगीन छत्तीसगढ़ी फिल्म “मोर छइयां भुइयां” ने इंडस्ट्री को नई ऊर्जा दी। इन 25 वर्षों में छॉलीवुड ने न सिर्फ खुद को स्थापित किया, बल्कि जनभावनाओं को परदे पर जीवंत किया।
अब जब छत्तीसगढ़ी सिनेमा हिंदी के परदे पर उतर रहा है, तो यह केवल एक फिल्म की रिलीज नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक क्रांति का आरंभ है। यह फिल्म न सिर्फ प्रदेश की रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के फिल्म उद्योग को राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान देगी।
फिल्म Janki Chapter 1 को लेकर उत्सुकता बनी हुई है, लेकिन इतना तय है कि 13 जून को छत्तीसगढ़ी माटी की खुशबू हिंदी सिनेमा के परदे पर महकेगी