CG NEWS : रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ा एक्शन लिया है। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने राज्य के 29 वर्तमान व सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में करीब 2300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है। ईओडब्ल्यू ने बताया कि आरोपियों को पहले समन भेजा गया था, लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ। अब अदालत ने सभी को तलब किया है, और पेश नहीं होने पर कड़ा एक्शन संभव है।
CG NEWS READ MORE : Jabalpur News : PWD मंत्री राकेश सिंह का औचक निरीक्षण, सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर अधिकारियों को लगाई फटकार, देखें वीडियो
ये हैं आरोपी अधिकारी:
चार्जशीट में शामिल 28 अधिकारियों में उपायुक्त, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आयुक्त जैसे वरिष्ठ पदों पर कार्यरत अधिकारी शामिल हैं। इनमें कई सेवानिवृत्त भी हैं।
नामों में प्रमुख हैं:
- जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
- विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
- अरविंद कुमार पाटले, उपायुक्त आबकारी
- प्रमोद कुमार नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त आबकारी
- विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त आबकारी
- इकबाल खान, जिला आबकारी अधिकारी
- नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- नवीन प्रताप सिंह तोमर, सहायक आयुक्त आबकारी
- मंजुश्री कसेर, सहायक आबकारी अधिकारी
- सौरभ बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
- दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
- मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
- नीतू नोतानी ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- गरीबपाल सिंह दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
- नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- सोनल नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
- आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी
- ए.के. सिंह, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- जे.आर. मंडावी, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- जी.एस. नुरुटी, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- देवलाल वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- ए.के. अनंत, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- वेदराम लहरे, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- एल.एल. ध्रुव, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
CG NEWS READ MORE : Indore News : पिकनिक बना काल: स्कूल ड्रेस में झरने पहुंचे बच्चों में से 10वीं के छात्र की डूबने से मौत
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया है कि शराब घोटाला एक सुनियोजित आपराधिक सिंडिकेट के रूप में काम कर रहा था। इसका संचालन कथित रूप से पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में किया गया। आरोप है कि आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त व्यापारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से यह घोटाला अंजाम दिया गया। ED की जांच में यह बात सामने आई है कि घोटाले से प्राप्त रकम को फर्जी कंपनियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के नाम पर खोले गए खातों में भेजा गया। इन पैसों का उपयोग निजी लाभ और पारिवारिक खर्चों में किया गया। ED की चार्जशीट में कहा गया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा को घोटाले से 64 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
CSMCL बना भ्रष्टाचार का जरिया
2017 में छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति बदली गई और शराब बिक्री का जिम्मा राज्य सरकार के उपक्रम CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) को सौंपा गया। शुरुआत में यह योजना सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन 2019 के बाद इसमें घोटाले की परतें खुलने लगीं। ED की जांच बताती है कि अनवर ढेबर, जो रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई हैं, उन्होंने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी बनवाया और फिर अधिकारियों, नेताओं व व्यापारियों के गठजोड़ से भारी रिश्वत और अवैध उगाही का तंत्र तैयार किया।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी और जांच की स्थिति
शराब घोटाले में ED ने 15 जनवरी 2025 को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उनसे दो बार पूछताछ की गई और फिर 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर रखा गया। 21 जनवरी से वे जेल में हैं। बाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं। अब तक इस घोटाले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। EOW और ED की जांच जारी है। कोर्ट में चार अभियोग पत्र दाखिल हो चुके हैं, जिनमें तीन पूरक हैं।
CG NEWS READ MORE : Rawatpura Medical College scam : रावतपुरा मेडिकल कॉलेज घोटाला, CBI को मिले बड़े सुराग, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में सभी आरोपी, पढ़िए कौन हैं आरोपी
बड़ा सवाल: कौन-कौन शामिल?
इस घोटाले ने छत्तीसगढ़ की नौकरशाही, राजनीतिक और कारोबारी दुनिया को हिला दिया है। इसमें पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, मुख्यमंत्री सचिवालय की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, अनवर ढेबर और कई सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच हो रही है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आयकर विभाग की याचिका के बाद 18 नवंबर 2022 को ED ने PMLA के तहत केस दर्ज किया था।