रायपुर। छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापना की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब राज्य में उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को जमीन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नहीं मिलेगी। राज्य सरकार ने 2015 की औद्योगिक भूमि आवंटन नीति में संशोधन करते हुए अब बोली प्रणाली के जरिए जमीन देने का फैसला किया है।
इस नई व्यवस्था के तहत अब औद्योगिक ज़मीनों का आवंटन पारदर्शी तरीके से बोली के माध्यम से किया जाएगा, जिससे न केवल अनियमितता रुकेगी, बल्कि राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से योग्य और गंभीर निवेशकों को प्राथमिकता मिलेगी और प्रदेश में सुनियोजित औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, यह नीति जल्द ही लागू की जाएगी और इसके लिए उद्योग विभाग आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर रहा है। उद्यमियों को अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन देना होगा और नियत प्रक्रिया के तहत बोली में हिस्सा लेना होगा।
यह कदम निवेश को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा के साथ जोड़ने की दिशा में सरकार की एक अहम पहल माना जा रहा है।