भोपाल। Bhopal Breaking : मध्यप्रदेश में बहुचर्चित पोषण आहार घोटाले में बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक भूचाल आया है। प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और उनके करीबी पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यह कार्रवाई पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत के आधार पर की गई है, जिन्होंने 8 अगस्त 2023 को इस घोटाले की विस्तृत शिकायत दी थी।
Bhopal Breaking : 481 करोड़ की अनियमितताओं का ऑडिट में खुलासा
मार्च 2025 में विधानसभा में पेश कैग (CAG) रिपोर्ट में भी आजीविका मिशन और पोषण आहार योजना में 481.79 करोड़ रुपए की अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि 2018-19 से 2021-22 तक आठ जिलों में पोषण आहार के वितरण, परिवहन और गुणवत्ता में भारी गड़बड़ियां सामने आई थीं।
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एग्रो से हटाकर आजीविका मिशन को दिया गया जिम्मा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में इकबाल सिंह बैंस द्वारा अपने करीबी ललित मोहन को वन विभाग से हटाकर प्रति नियुक्ति पर आजीविका मिशन में सीईओ बनाया गया। इसके बाद प्रदेश की सातों पोषण आहार फैक्ट्रियों का संचालन मप्र एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन से हटाकर आजीविका मिशन को सौंप दिया गया, जिसे लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूर्व विधायक सकलेचा बोले – राजनीतिक संरक्षण में हुआ घोटाला
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने इस मामले में कहा कि “यह सिर्फ घोटाला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को भ्रष्ट करने की साजिश थी। एक अधिकारी को व्यक्तिगत हित में पद पर बैठाकर योजनाओं का दोहन किया गया।”
लोकायुक्त की FIR के बाद हड़कंप
FIR दर्ज होने के बाद प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि अब जांच में और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।