रायपुर। जल संसाधन विभाग द्वारा नवीन दर अनुसूची (SOR) 2025 को प्रभावी रूप से लागू करने के उद्देश्य से रायपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विभागीय मंत्री एवं सचिव के निर्देशानुसार आयोजित की गई, जिसमें नवीन SOR के स्वरूप, विशिष्टताओं और उपयोग संबंधी जटिलताओं को स्पष्ट किया गया।
गौरतलब है कि 1 मई 2025 से लागू नवीन SOR की पुस्तक सभी उप-अभियंता स्तर तक पहुंचा दी गई है। वर्तमान में बड़ी संख्या में नव नियुक्त उप-अभियंता मैदानी कार्यों में सक्रिय हैं और इस SOR का उपयोग कर रहे हैं। चूंकि नवीन SOR पूर्व के संस्करण से काफी भिन्न है, इसलिए इसे समझाने के लिए प्रदेशभर में क्षेत्रवार कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
अब तक बिलासपुर, जांजगीर और दुर्ग में कार्यशालाएं संपन्न हो चुकी हैं। रायपुर में आयोजित कार्यशाला के पहले दिन महानदी परियोजना के अभियंताओं ने भाग लिया, जबकि दूसरे दिन महानदी-गोदावरी कछार के अभियंता शामिल हुए। 12 जून को यांत्रिकी व विद्युत विभाग के अभियंताओं हेतु अलग सत्र आयोजित किया जाएगा। सरगुजा और जगदलपुर क्षेत्रों के लिए अलग-अलग कार्यशालाएं प्रस्तावित हैं।
कार्यशाला में दर अनुसूची निर्माण में शामिल तकनीकी विशेषज्ञों ने दरों का विश्लेषण प्रस्तुत किया और पुराने SOR से तुलनात्मक अध्ययन कर भिन्नताओं को समझाया। मैदानी अभियंताओं की शंकाओं का मौके पर समाधान भी किया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि नवीन SOR से कार्यों की निविदा प्रक्रिया में सकारात्मक सुधार होगा, जिससे अनावश्यक विलंब से बचा जा सकेगा। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि SOR को केवल दर सूची न मानते हुए प्रत्येक अध्याय में दिए निर्देशों का गहन अध्ययन करें, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि किन-किन मदों के लिए अन्य विभागों की दर अनुसूचियों का संदर्भ आवश्यक है।