नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सख्त : सुप्रीम कोर्ट ने यौन शिक्षा (Sex Education) को लेकर अहम रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को एक व्यापक नीति तैयार करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी कर 25 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। कोर्ट ने सरकार को एक विशेषज्ञ समिति गठित कर मसले का अध्ययन करने और रिपोर्ट के आधार पर नीति निर्धारण की पहल करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट सख्त : शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह समिति की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही आगे के निर्देश जारी करेगी। इस मामले में याचिकाकर्ता ने देशभर में किशोरों के यौन स्वास्थ्य और जागरूकता को लेकर एक ठोस राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए केंद्र से सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा जताई कि यौन शिक्षा आज के समय की जरूरत है और इससे न केवल बच्चों की जागरूकता बढ़ेगी बल्कि यौन अपराधों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी।
यह मामला अब शिक्षा नीति और सामाजिक जागरूकता के दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि देश में पहली बार एक समग्र और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार सेक्स एजुकेशन पॉलिसी सामने आ सकती है।