रायपुर, 17 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सामने आए तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आईएफएस अधिकारी अशोक पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। यह साय सरकार में पहली बार है जब किसी भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी की गिरफ्तारी हुई है। अशोक पटेल को गुरुवार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया। बस्तर के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए जारी प्रोत्साहन राशि (करीब 7 करोड़ रुपए) के वितरण में हुई गड़बड़ियों की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने 2021-22 के सीजन में संग्राहकों को दी जाने वाली बोनस राशि को वितरित नहीं किया, बल्कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत उस राशि का गबन किया और कुछ हिस्से निजी व्यक्तियों को हस्तांतरित कर दिया।
ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमों ने सुकमा जिले में 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी और निवेश से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए। सबसे सनसनीखेज खुलासा उस वक्त हुआ जब डीएफओ कार्यालय सुकमा के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नगद बरामद किए गए। यह बरामदगी स्पष्ट रूप से घोटाले की गंभीरता और इसकी व्यापकता को दर्शाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले में पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक, और प्राथमिक लघुवनोपज समिति के कई प्रबंधक जांच के दायरे में हैं। कुछ दिन पहले इन सभी के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। आईएफएस अधिकारी अशोक पटेल के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति (Disproportionate Assets) का भी मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में उनसे जुड़े स्थानों पर भी सर्च कार्रवाई की गई थी, जिसमें उनकी कथित तौर पर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई।
इस घोटाले ने राज्य की वन व्यवस्था और वित्तीय पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संग्राहकों को मिलने वाली सहायता राशि का इस तरह से दुरुपयोग होना न केवल जनकल्याण योजनाओं की विफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि नीचे से ऊपर तक मिलीभगत इस गबन में शामिल रही है। ईओडब्ल्यू और एसीबी द्वारा जब्त दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है और जांच का दायरा और भी बढ़ाया जा सकता है। अन्य आरोपियों की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है।
बोनस घोटाले में यह गिरफ्तारी सरकार की “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” नीति की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में और कितने बड़े नाम सामने आते हैं और प्रशासन किस हद तक दोषियों को सजा दिलाने में सफल होता है।
मुख्य बिंदु:
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IFS अधिकारी अशोक पटेल गिरफ्तार
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पहली बार किसी वन अधिकारी पर ईओडब्ल्यू/एसीबी की कार्रवाई
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सुकमा में 12 जगहों पर छापेमारी
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कर्मचारी के घर से 26 लाख रुपये नगद बरामद
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घोटाले की राशि करीब 7 करोड़ रुपए
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जांच अब भी जारी, कई और गिरफ्तारियां संभावित