Shreyas Talpade : नई दिल्ली: इंदौर में रजिस्टर्ड ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े एक बड़े चिटफंड घोटाले में नाम आने के बाद अभिनेता श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हरियाणा के सोनीपत जिले में दर्ज धोखाधड़ी और विश्वासघात के एक मामले में शीर्ष अदालत ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने हरियाणा पुलिस और इस मामले से संबंधित अन्य पक्षों को नोटिस जारी करते हुए विस्तृत जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाया है कि आखिर अभिनेताओं और ब्रांड एंबेसडरों को इस तरह के मामलों में एफआईआर में क्यों नामजद किया गया है।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा विवाद इंदौर में पंजीकृत ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़ा है। इस फर्म ने आम लोगों से पैसे लेकर उन्हें छह साल में दोगुनी रकम लौटाने का वादा किया था। कंपनी ने अपनी स्कीमों के प्रचार के लिए कथित तौर पर अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया था, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा।
सोसायटी ने अपने एजेंटों को मैनेजर पद का झांसा देकर और अधिक लोगों को इस स्कीम से जोड़ने के लिए उकसाया। धीरे-धीरे देशभर से 50 लाख से ज्यादा लोग इस कथित आकर्षक स्कीम का हिस्सा बने और कंपनी ने करोड़ों रुपये जुटा लिए।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा
नवंबर 2024 में अचानक से कंपनी के सारे ऑफिस बंद होने शुरू हो गए, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। जब पीड़ितों ने अपनी रकम वापस पाने के लिए शिकायतें दर्ज करानी शुरू कीं, तब इस बड़े घोटाले का खुलासा हुआ और मामला सामने आया। सोनीपत जिले के हसनपुर गांव निवासी विपुल ने मुरथल पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और विश्वासघात की एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें कुल 13 लोगों को नामजद किया गया है।
एफआईआर में नामजद प्रमुख व्यक्ति:
एफआईआर में सोसायटी के कई पदाधिकारियों और एजेंटों के साथ-साथ ब्रांड एंबेसडर के रूप में अभिनेता आलोक नाथ और अभिनेता श्रेयस तलपड़े को भी नामजद किया गया है। अन्य नामजद लोगों में नरेंद्र नेगी (इंदौर), समीर अग्रवाल (दुबई), पंकज अग्रवाल, परिक्षित पारसे, आरके शेट्टी (मुंबई), राजेश टैगोर (मुख्य ट्रेनर), संजय मुदगिल, पप्पू शर्मा (हरियाणा हेड), आकाश श्रीवास्तव (चंडीगढ़), रामकंवार झा (चेस्ट ब्रांच अधिकारी) और शबाबे हुसैन (पानीपत) शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और ब्रांड एंबेसडर की भूमिका पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि ब्रांड एंबेसडर की भूमिका स्पष्ट की जानी चाहिए और एफआईआर में उनका नाम क्यों है, इसका संवेदनशील और कानूनी आधार प्रस्तुत किया जाए। यह फैसला इस तरह के मामलों में सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट की जवाबदेही पर एक नई बहस छेड़ सकता है। मामले की अगली सुनवाई तक श्रेयस तलपड़े को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।