रायपुर। छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनसंख्या राज्य की सबसे बड़ी जातिगत आबादी के रूप में सामने आई है। भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में कराए गए डिजिटल जातीय सर्वे की लीक हुई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। यह सर्वे एक विशेष मोबाइल एप के माध्यम से कराया गया था, जो अपने समय में देशभर में एक अनोखी पहल मानी गई।
हालांकि रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर कभी सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन हाल ही में इसके कुछ हिस्से सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, OBC वर्ग की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत से अधिक है, जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
भूपेश सरकार ने इस सर्वे को सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से शुरू किया था। सर्वे का मकसद यह जानना था कि विभिन्न वर्गों की आबादी के अनुपात में उन्हें राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक हिस्सेदारी मिल रही है या नहीं।
इस रिपोर्ट के लीक होने के बाद एक बार फिर राज्य में आरक्षण और जातिगत संतुलन को लेकर बहस तेज हो गई है। खासकर OBC वर्ग के नेताओं ने इसे उनके “वास्तविक हक की पहचान” बताते हुए लंबे समय से चली आ रही मांगों को फिर से दोहराया है।
वर्तमान में राज्य में OBC आरक्षण की सीमा पर कानूनी अड़चनें और राजनीतिक टकराव बना हुआ है। ऐसे में यह रिपोर्ट आने वाले दिनों में राजनीतिक विमर्श और सामाजिक समीकरणों पर गहरा असर डाल सकती है।