पटना। E-voting : बिहार देश का पहला राज्य बन गया है जहां से ई-वोटिंग (E-Voting) की शुरुआत की गई है। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत मतदाता अब ऑनलाइन माध्यम से भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
E-voting : कैसे होगी ई-वोटिंग?
ई-वोटिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से तकनीकी और डिजिटल है। मतदाता को पहले एक बार रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसके बाद उसे एक सिक्योर लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। वोटिंग के दिन मतदाता मोबाइल या कंप्यूटर से लॉगिन कर निर्धारित समयसीमा के भीतर वोट डाल सकेगा।
कब शुरू होगी ई-वोटिंग?
इस परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके सफल परीक्षण के बाद इसे बिहार के कुछ हिस्सों में लागू किया जाएगा और फिर पूरे राज्य में विस्तार किया जा सकता है।
कितनी सुरक्षित है ई-वोटिंग?
इस प्रक्रिया को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से सुरक्षित किया गया है, जिससे कोई भी वोट एक बार दर्ज होने के बाद बदला नहीं जा सकता। डेटा एन्क्रिप्शन और मल्टी-लेयर ऑथेंटिकेशन सिस्टम इसे लगभग हैक-प्रूफ बनाते हैं।
क्या कहता है चुनाव आयोग?
चुनाव आयोग और तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रणाली छेड़छाड़ मुक्त, पारदर्शी और सुरक्षित है। इससे प्रवासी और असमर्थ मतदाताओं को भी वोटिंग की सुविधा मिलेगी।
ई-वोटिंग की यह पहल न केवल वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि डिजिटल लोकतंत्र की ओर भी एक मजबूत कदम है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो भविष्य में अन्य राज्यों में भी इसे लागू किया जा सकता है।