महासमुंद। Mahasamund News : जिला मुख्यालय से सटा खमतराई गांव की सरकारी प्राथमिक शाला एक खंडहर में तब्दील हो चुकी है, जहां दीवारों में दरारें, टपकती छत और सीलन के बावजूद 72 बच्चे रोज़ा पढ़ने आते हैं। कक्षा पाँच के राहुल पटेल कहते हैं, “हर कदम पर डर लगता है कि दीवार या छत गिरे तो…”
Mahasamund News : 2003–04 में बने इस एकमंजिला भवन का प्लास्टर उखड़ चुका है, बरसात में दरारों से पानी टपकता है और जगह-जगह सीमेंट ही टूट चला है। तीन साल से प्रधानाध्यापक, पालक और शाला समिति नई इमारत की मांग कर रहे हैं, मगर शिक्षा विभाग ने न तो नया भवन स्वीकृत किया और न ही अस्थायी शेड लगाने पर ध्यान दिया।
Mahasamund News
जिला शिक्षा अधिकारी ने मीडिया से कहा कि ऐसी ‘डिस्मेंटल’ स्थिति वाली 45 शालाओं की जांच चल रही है और शिकायत मिले तो कार्रवाई होगी। ग्रामीणों ने सुविधाहीन सामुदायिक भवन में अस्थायी स्कूल चलाने की पेशकश की, लेकिन वहां भी रसोई, शौचालय और फर्नीचर की कमी बनी हुई है।
बच्चों की पढ़ाई और जान बचाने के लिए तत्काल नया भवन या अस्थायी शेड की व्यवस्था करने की मांग जोर पकड़ रही है।