जगदलपुर। Naxalite Encounter : नक्सल ऑपरेशन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब कुछ ही दिनों के अंतराल में नक्सल मोर्चे पर सक्रिय पति-पत्नी दोनों कमांडर मारे गए हों। छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश सीमा के मारडेपल्ली जंगल में सोमवार को हुए एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने दो शीर्ष नक्सल नेताओं को ढेर कर नक्सल नेटवर्क की रीढ़ पर सीधा प्रहार किया है।
Naxalite Encounter : मारे गए नक्सलियों में एक नाम है गजरला रवि उर्फ उदय, जो कभी पीपुल्स वार ग्रुप का अहम चेहरा था और एक दौर में आंध्रप्रदेश सरकार से शांति वार्ता में भी शामिल हो चुका था। वहीं दूसरी ओर, महिला नक्सली वीआरएल चैतन्य उर्फ अरुणा, आंध्र ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) की सदस्य थी। खास बात ये है कि अरुणा, कुछ हफ्ते पहले गरियाबंद मुठभेड़ में मारे गए सीसी मेंबर जयराम उर्फ चलपति की पत्नी थी।
इस ऑपरेशन के दौरान अब तक 2 से 3 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मौके से दो AK-47 राइफलें और भारी मात्रा में नक्सली दस्तावेज, बैग व अन्य सामान बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ अब भी किंतुपुरु फॉरेस्ट बेल्ट में जारी है। एसपी अमित बरदार ने ऑपरेशन की पुष्टि की है।
Naxalite Encounter
इस कार्रवाई को सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है क्योंकि गिराए गए दोनों नक्सली नेताओं की पकड़ आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की नक्सल बेल्ट में बेहद मजबूत मानी जाती थी। विशेष बात यह भी है कि चालपति और अरुणा का एक साथ सफाया नक्सल संगठन के शीर्ष स्तरीय तंत्र को गहरी चोट है।
विश्लेषण:
इस मुठभेड़ ने संकेत दे दिया है कि नक्सल संगठन अब रणनीतिक तौर पर कमजोर पड़ रहा है। पहले सीसी मेंबर पति चलपति, फिर अब उसकी पत्नी अरुणा, और उनके करीबी गजरला रवि की मौत से नक्सल खेमे में हड़कंप है। यह पहली बार है जब देश के अलग-अलग राज्यों में फैले एक ही नक्सल परिवार के दो बड़े चेहरे इतने कम समय में ढेर कर दिए गए हों।
नतीजा:
यह ऑपरेशन सिर्फ दो कमांडरों को खत्म करना नहीं था, बल्कि नक्सली सोच, नेटवर्क और मनोबल को तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक वार है। बस्तर में दशकों से जारी इस सशस्त्र संघर्ष में यह घटना एक अहम मोड़ बन सकती है।