कोलकाता। West Bengal : पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर के बाहर भारतीय जनता पार्टी के विधायक दीपक बर्मन, शंकर घोष, अग्निमित्र पॉल और मनोज ओरांव के विरोध प्रदर्शन में फिर से बवाल हुआ। चर्चा के दौरान टीएमसी के साथ विवाद बढ़ने पर स्पीकर बिमल बनर्जी ने इन चारों को पूरे सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
West Bengal : 20 जून को नेताजी सुभाष खेल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक पर बहस के समय भी भाजपा विधायकों ने तीखी नोकझोंक के बाद वॉकआउट किया था। इस बार शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा विधेयक पेश किए जाने पर शंकर घोष ने सवाल उठाया कि टीएमसी विधायकों को उनका स्पीच क्यों सुनना चाहिए, जबकि भाजपा ने पिछले दिन प्रश्नकाल में मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के जवाब के दौरान ही सभागार छोड़ दिया था।
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जैसे ही घोष खड़े होकर बोलने लगे, मंत्री बाबुल सुप्रियो और 100 से अधिक टीएमसी विधायक खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर बनर्जी ने हंगामे को रोकने के बजाय विधायकों को पूरा भाषण देने का आग्रह किया, लेकिन भाजपा ने विरोध जारी रखा। विरोध के बीच बनर्जी ने टिप्पणी की कि कई बार विपक्षी अपना भाषण खत्म कर बेंच छोड़ देते हैं और मंत्री के जवाब नहीं सुनते, जो लोकतांत्रिक संसदीय प्रथा का अपमान है।
इसमें मीनार बनर्जी ने कहा कि सदन को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था। भाजपा विधायकों के सदन से निलंबन से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया है और आने वाले दिनों में विधानसभा सत्र में इन घटनाओं के नए मोड़ सामने आने की संभावना है।