तखतपुर, बिलासपुर। Takhatpur News : सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर की जा रही करोड़ों की ठगी के मामले तो अक्सर सामने आते हैं, लेकिन इस बार तखतपुर पुलिस ने ठगों के साथ-साथ ठगी का शिकार बने व्यक्ति के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है। यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संभवतः पहला मामला है, जब ठग और पैसा देने वाला दोनों जेल पहुंचे हैं।
Takhatpur News : नौकरी के लालच में गंवाए लाखों
55 वर्षीय सूर्यकांत जायसवाल, निवासी नेचर सिटी (सकरी, बिलासपुर) ने अपने दो बेटों और एक बेटी को शासकीय पदों – खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक और पटवारी – पर नियुक्त करवाने के लिए निगारबंद निवासी विष्णु प्रसाद राजपूत से संपर्क किया था। विष्णु ने अपने बेटे अनीश राजपूत और जावेद खान (तोरवा निवासी) से परिचय कराया। trio ने दावा किया कि वे सरकारी विभागों में नौकरी लगवा सकते हैं।
लालच में आकर सूर्यकांत ने फरवरी 2022 से जून 2023 के बीच किश्तों में कुल 43 लाख रुपये अनीश और जावेद को सौंपे। पैसे की गारंटी के तौर पर जावेद की पत्नी सीमा सोनी के खाते से जुड़ा चेक भी दिया गया। लेकिन समय बीतता गया और न तो नौकरी मिली, न पैसा लौटा। थक-हारकर सूर्यकांत ने तखतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने एक साथ चार को पकड़ा
पुलिस जांच के बाद 29 जून को बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अनीश राजपूत, उसके पिता विष्णु प्रसाद राजपूत, सीमा सोनी और सूर्यकांत जायसवाल को गिरफ्तार किया गया। चौथा आरोपी जावेद खान पहले से ही एक अन्य ठगी केस में जेल में है।
पैसे देने वाले पर क्यों हुई कार्रवाई?
थाना प्रभारी अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि नौकरी दिलाने के लिए पैसे देने वाले व्यक्ति को भी दोषी माना गया। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी नौकरियों में किसी भी प्रकार की आर्थिक लेन-देन गैरकानूनी है और यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। इसलिए आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत सूर्यकांत जायसवाल पर भी केस दर्ज कर जेल भेजा गया।
संदेश: नौकरी के लिए सही प्रक्रिया अपनाएं
यह मामला उन हजारों युवाओं और अभिभावकों के लिए चेतावनी है, जो शॉर्टकट और जुगाड़ के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं। पुलिस ने भी अपील की है कि कोई भी व्यक्ति यदि शासकीय नौकरी का वादा कर रुपये मांगता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें और किसी भी लालच में आकर गैरकानूनी लेन-देन से बचें।